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गन्ने का मूल्य घोषित नहीं किए जाने से नाराज रालोद कर सकती है बड़ा आन्दोलन

लखनऊ। युवा राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित अग्रवाल ने अफसोस जताते हुये कहा कि कितने शर्म की बात है कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार मिलकर किसानों का उपहास उड़ा रही हैं।

पूरे देश का पेट भरने वाला अन्नदाता आज अपने ही हक के लिए दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। प्रदेश का गन्ना किसान हो या आलू किसान सभी अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का लगभग 16 हजार करोड़ रूपया मिल मालिक और सरकार दबाये बैठी है, जिससे किसानों में उहापोह की स्थिति है। सरकार किसान सम्मान निधि की तो बात करती है पर सत्यता यह है कि जो सरकार के उपर किसान का बकाया है उसका ब्याज यदि किसान को दे दिया जाय तो सम्मान निधि से कहीं ज्यादा होगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विभिन्न आयोजन करने में व्यस्त है पर उनके पास इतना समय नही है कि गन्ने का मूल्य घोषित कर दें। किसान आज चार माह से मिलों को अपना गन्ना दे रहा है और उसकी पर्ची पर शून्य मूल्यांकन होकर आ रही है उसको यह नहीं पता कि उसको कितना भुगतान मिलेगा। क्या देश में ऐसी कोई वस्तु है जिसको बेचने से पहले यह न पता हो कि उसका मूल्य कितना मिलेगा? यहां किसान अपना गन्ना बेचने के बाद भी उसको मूल्य की जानकारी नहीं है। ऐसे में सरकार का दोहरा चरित्र उजागर हो रहा है।

अग्रवाल ने कहा कि सरकार तत्काल गन्ने का मूल्य घोषित करें अन्यथा रालोद बड़े आन्दोलन के लिए बाध्य होगा।

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