कभी देश के टॉप उद्योगपतियों में शुमार रहे अनिल अंबानी की आर्थिक हैसियत ऐसी हो गई है कि अपने वकीलों की फी भरने के लिए उन्हें गहने बेचने पड़ रहे हैं. कर्ज के बोझ तले दबे उद्योगपति अनिल अंबानी ने खुद यूके की एक अदालत को यह बात बताई. उन्होंने कोर्ट से कहा कि वो एक साधारण जीवन जी रहे हैं और वो सिर्फ एक कार इस्तेमाल करते हैं.
अनिल अंबानी ने कहा कि इस साल जनवरी से जून के बीच उन्होंने 9.9 करोड़ रुपये की कीमत के गहने बेचे और अब उनके पास वैसा कुछ कीमती सामान नहीं बचा है. जब उनसे लग्जरी कारों के बेड़े के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘ये सारे मीडिया में आ रही अफवाहें. मेरे पास कभी रॉल्स रॉयस नहीं थी. अभी मैं सिर्फ एक कार का उपयोग कर रहा हूं.’
यूके हाई कोर्ट ने 22 मई, 2020 को अंबानी से कहा था कि वो चीन के तीन बैंकों को 12 जून, 2020 तक 71,69,17,681 डॉलर (करीब 5,281 करोड़ रुपये) कर्ज की रकम और 50,000 पाउंड (करीब 7 करोड़ रुपये) बतौर कानूनी खर्च के रूप में भुगतान करें. फिर 15 जून को इंडस्ट्रियल ऐंड कमर्शल बैंक ऑफ चाइना की अगुआई में चीनी बैंकों ने अनिल अंबानी की संपत्तियों का खुलासा करने की मांग की.
29 जून को मास्टर डेविसन ने अंबानी को ऐफिडेविट के जरिए पूरी दुनिया में फैली अपनी उन संपत्तियों का खुलासा करने का आदेश दिया जिनकी कीमत 1,00,000 लाख डॉलर (करीब 74 लाख रुपये) से ज्यादा है. उनसे ऐफिडेविट में यह भी बताने को कहा गया कि उन संपत्तियों में उनकी पूरी हिस्सेदारी है या वो इनके किसी के साथ संयुक्त हकदार हैं.
इस आदेश पर कोर्ट को दिए ऐफिडेविट में अंबानी ने बताया कि उन्होंने रिलायंस इनोवेंचर्स को 5 अरब रुपये का लोन दिया है. उन्होंने बताया कि रिलायंस इनोवेंचर्स में 1.20 करोड़ इक्विटी शेयर की कोई कीमत नहीं है. अंबानी ने कोर्ट को बताया कि अपने पारिवारिक ट्रस्ट समेत दुनियाभर के किसी भी ट्रस्ट में उनका कोई आर्थिक हित नहीं है.