पाकिस्तान में मानवाधिकारों की क्या स्थिति है ये किसी से छिपी नहीं है। अब एक रिपोर्ट ने पाकिस्तान को फिर आईना दिखाया है। दरअसल पाकिस्तान में जबरन गायब किए गए लोगों का आंकड़ा तीन हजार के पार पहुंच गया है। डिफेंस ऑफ ह्युमन राइट्स (DHR) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। डिफेंस ऑफ ह्युमन राइट्स एक गैर सरकारी संगठन है, जो पाकिस्तान में जबरन गायब किए गए लोगों के आंकड़े जुटाता है।
गायब लोगों की रिकवरी की स्थिति बेहद खराब
इस संगठन ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 तक पाकिस्तान में जबरन गायब किए गए लोगों का आंकड़ा 3120 हो गया है। साल 2023 में जबरन गायब किए गए लोगों के 51 मामले सामने आए। रिपोर्ट के अनुसार, गायब हुए लोगों के परिवारों की काउंसिलिंग कराई गई लेकिन इनकी संख्या महज 120 है। जबरन गायब हुए आठ लोगों के मामले पाकिस्तान के विभिन्न हाईकोर्ट में लंबित हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि गायब हुए लोगों के मामलों में विभिन्न अदालतों ने सकारात्मक आदेश दिए हैं लेकिन अभी भी गायब हुए लोगों की रिकवरी की स्थिति बेहद खराब है।
पाकिस्तानी सेना पर भी बलूचिस्तान में लगते रहे हैं गंभीर आरोप
गायब हुए लोगों में पत्रकार, छात्र और राजनीतिक कार्यकर्ता शामिल हैं। रिपोर्ट जारी करने वाले संगठन डीएचआर ने गायब हुए 69 बलोच छात्रों के मामले को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में भी उठाया है। इस पर पाकिस्तान की सरकार ने बताया है कि गायब हुए बलोच छात्रों में से 22 छात्रों का पता चल गया है लेकिन 28 अभी भी गायब हैं। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के लोग खुद को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं मानते हैं, इसकी वजह से वहां पाकिस्तानी सेना लोगों पर जुल्म करती है। बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना पर लोगों को जबरन गायब करने और उनके फेक एनकाउंटर करने के आरोप लगते रहते हैं।