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क्या लापरवाही-भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही लोगों की जान? इन सवालों से नहीं बच सकती सरकार

27 जुलाई शनिवार की शाम दिल्ली ही नहीं पूरे देश के लिए एक अनहोनी लेकर सामने आई। राजेंद्र नगर के एक कोचिंग सेंटर की लाइब्रेरी में अचानक भारी मात्रा में पानी भर जाने से तीन छात्रों की दर्दनाक मौत हो गई। कुछ ही देर में यह समाचार पूरी मीडिया की सुर्खियों में आ गया। पूरे देश से अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा जानने के लिए परेशान हो गए। लोग बार-बार फोन कर अपने बच्चों के बारे में पता करने लगे।

गंभीर लापरवाही
पहली नजर में यह लगता है कि दिल्ली में हुई भारी बारिश से पानी तेजी से बेसमेंट में घुसने लगा। बच्चों को बाहर निकलने का अवसर नहीं मिला और वे इसकी चपेट में आ गए, लेकिन घटना के बाद बच्चों ने जो जानकारी दी है, उससे साफ पता चलता है कि इस मामले में गंभीर लापरवाही हुई है जिसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ा है। इस मामले में नगर निगम की सफाई व्यवस्था बुरी तरह घेरे में आ गई है। यदि नालों की सही से सफाई हुई होती तो संभवतः इस दर्दनाक घटना को रोका जा सकता था।

छात्रों ने बताया
छात्रों ने बताया है कि बारिश होने के बाद बेसमेंट में लगातार पानी भर जाता था, कोचिंग को कुछ समय के लिए बंद कर दिया जाता था। इसको ठीक कराने के लिए छात्रों ने पूर्व में कई बार कोचिंग संचालकों को बताया था, लेकिन कई बार कहने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः इस लापरवाही की कीमत तीन बच्चों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।

कीचड़ की गाद में कुछ दिखाई नहीं पड़ा
लोगों को इस बात पर भी आश्चर्य हो रहा है कि जब पानी भर रहा था, सीढ़ी बनी हुई लाइब्रेरी से बच्चे बाहर क्यों नहीं निकल पाए? छात्रों ने ही इसका कारण भी बताया है। छात्रों के अनुसार, एक ही निकास द्वार होने के कारण अचानक बाहर निकलने में बच्चों में भगदड़ सी मच गई थी। पानी तेजी से आ रहा था, लेकिन पानी इतना गंदा और बदबूदार था कि बच्चों को उसमें कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। कहा जा रहा है कि नाले की एक दीवार के टूट जाने से नाले का गंदा पानी भी बहुत तेजी से कोचिंग के बेसमेंट में घुसने लगा जिससे स्थिति बेहद बुरी हो गई और बच्चे फंस गए।

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