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हमेशा खूबसूरत और जवान दिखने के लिए अपनाए ये सदियों पुराना आयुर्वेद नुस्खा

हमेशा खूबसूरत और जवान दिखने के लिए खान-पान पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। आयुर्वेद में ऐसी अनेक चीजों के बारे में बताया गया है, जिनका नियमित सेवन कर आप हमेशा जवान बने रह सकते हैं। हर इंसान की चाहत होती है। की वो हमेशा खूबसूरत और जवान दिखाई दें, अगर लड़कियों की बात की जाएं तो खूबसूरत और जवानदिखने के लिए क्या कुछ नहीं करती। यही कारण है कि लोग जवान बने रहने के लिए कई तरह के कॉस्मेटिक्स या दवाइयों का उपयोग करते हैं। कोई भी बिना अपने खान-पान पर ध्यान दिए हमेशा जवान बना रहे, ऐसा संभव नहीं है। इसलिए हमेशा खूबसूरत और जवान दिखने के लिए खान-पान पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। आयुर्वेद में ऐसी अनेक चीजों के बारे में बताया गया है, जिनका नियमित सेवन कर आप हमेशा जवान बने रह सकते हैं। आज हम आप को उन्हीं में से कुछ चीजों के बारे में बता रहे हैं….

– शायद ही ऐसा कोई व्‍यक्‍ति होगा जो जवान और आकर्षक ना दिखना चाहता हो। त्‍वचा हमेशा खूबसूरत बनी रहे इसके लिए हर कोई जतन करता है। आपकी इस इच्‍छा को पूरा करने के लिए त्रिफला काम आएगा, त्रिफला को आयुर्वेद में शरीर की लगभग हर बीमारी के लिए बहुत अच्छी औषधि माना गया है। त्रिफला से पेट से जुड़ी समस्याएं जड़ से मिट जाती हैं। रोजाना त्रिफला का सेवन मौसम अनुसार आयुर्वेदिक विधि से करें। इससे यौवन उम्र भर बना रहता है।

-अब अगर आप स्‍वस्‍थ और जवां रहना चाहते हैं तो आज से ही विटामिन सी से भरपूर चीजों का सेवन शुरू कर दो , विटामिन सी से भरपूर चीजों के सेवन से जल्दी बुढ़ापा नहीं आता है। आंवले को विटामिन सी से भरपूर माना गया है। इसलिए रोजाना कम से कम एक आंवले का सेवन करना चाहिए। साथ ही, एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल भी खाने चाहिए।
-भृंगराज चूर्ण 100 ग्राम, आमल की चूर्ण 50 ग्राम, तिल 50 ग्राम, इन तीनों में गुड़ मिलाकर इसका सेवन 10 से 12 ग्राम मात्रा में रोजाना करें।आयुर्वेदिक मान्यता है कि इस योग का सेवन बूढ़े को भी जवान बना देता है। दिन के खाने में दाल, चोकर युक्त रोटी लें। रात में गाय के दूध का सेवन करें।

-खाली पेट बाल हरड़ खाएं। शाम को दूध जरूर पिएं। रोजाना हरड़ लेते रहने से व आंवले का उपयोग करते रहने से, दूध घी पीने से यौवन हमेशा बना रहेगा।

-सुबह दूध, दोपहर में सब्जी, दाल, चोकर युक्त रोटी खाएं। रात्रि में गाय के दूध का सेवन करें।च्यवनप्राश जरूर खाएं। ज्यादा पानी पिएं।

-अमृतावर्णरस, बसन्तसुकुमार के रस का उपयोग 250 मिलीग्राम की मात्रा दिन में एक बार शहद में मिलाकर करें।आयुर्वेद के अनुसार इन रसायनों का सेवन 40 वर्ष की उम्र में करना अच्छा रहता है, क्योंकि यह एक ऐसी अवस्था है, जब व्यक्ति में शारीरिक धातुओं का विकास पूर्णता प्राप्त कर चुका होता है।

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