लखनऊ। उत्तर प्रदेश प्रेस क्लब में रविवार को अखिल भारतीय साहित्य परिषद लखनऊ पश्चिम एवं भारती प्रकाशन के तत्वावधान में रचनाकर अरविंद रस्तोगी की कृति ‘अरविंद सतसई’ का लोकार्पण संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य भूषण रंगनाथ मिश्र सत्य ने किया तथा मुख्य अतिथि अखिल भारतीय साहित्य परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री पवनपुत्र बादल रहे। मुख्य वक्ता अध्यक्ष लखनऊ महानगर अखिल भारतीय साहित्य परिषद शिवमंगल सिंह मंगल रहे एवं अति विशिष्ट अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय की भाषा संस्थान की पूर्व अध्यक्षा डॉ. उषा सिन्हा रही।
कृति पर अभिमत के रूप में विशिष्ट अतिथिगण दिनेश चंद्र अवस्थी एवं दयानंद जडिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए स्वागत भाषण आनंद रस्तोगी ने दीया तो वाणी वंदना अखिल भारतीय साहित्य परिषद अवध प्रांत के कार्यकारी अध्यक्ष कुमार तरल ने किया। कार्यक्रम का संचालन लखनऊ महानगर अखिल भारतीय साहित्य परिषद के उपाध्यक्ष अधिवक्ता शरद मिश्रा सिंधु ने किया। भारी संख्या में उपस्थित रचनाकर मनीषियों ने कृति की भूरि भूरि प्रशंसा की डॉ. पवन पुत्र बादल ने रचनाकार के उज्जवल भविष्य की कामना की तो रंगनाथ मिश्र सत्य ने रचनाकार को उनके दोनों के लिए शिखर पर स्थापित किया।
मुख्य वक्ता शिव मंगल सिंह मंगल जी ने अरविंद सतसई में प्रकाशित 719 दोहों को एक समर्थ कृति का अंग बताया, तो राजेंद्र शुक्ल राज एवं अशोक पांडे अशोक ने सारगर्भित वक्तव्य दिया अरविंद रस्तोगी के रचना वाचन को सभी ने सराहा और डॉक्टर दिनेश चंद्र अवस्थी ने भाव परख विश्लेषण किया। तो दयानंद जड़ीया ने भी संवेदनशील वक्तव्य कृति पर दिया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन अखिल भारतीय साहित्य परिषद लखनऊ पश्चिम की अध्यक्षा शरद सिंह शरद ने दिया।
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