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समाज को गढने का कार्य कथा साहित्य ने किया : डॉ. राम बहादुर मिश्र

लखनऊ। हिंदी दिवस और हिंदी पखवाड़ा के अन्तर्गत कथा रंग लखनऊ ने एक कार्यक्रम का आयोजन मुंशी पुलिया मेट्रो स्टेशन के बगल स्थित टाउन केव लाउंज में किया। अतिथियों में डॉ. राम बहादुर मिश्र, रवि भट्ट, नीलम राकेश, स्नेहलता स्नेह, डॉ. अलका प्रमोद, पंकज प्रसून, ज्ञानेंद्र मणि त्रिपाठी और डॉ. पवन अग्रवाल (ल.वि.वि.)उपस्थित रहे।

कथा रंग की संस्थापिका नूतन वशिष्ठ द्वारा अमृतलाल नागर का संस्मरण हुक्का मेरा शौक़ का वाचन किया गया। डॉ. मालविका त्रिवेदी द्वारा महादेवी वर्मा का रेखाचित्र नीलकंठ का वाचन किया गया।अंकुर, सत्यप्रकाश, सोम, पूजा और आदित्य द्वारा अन्नपूर्णानंद वर्मा की कहानी अकबरी लोटा का सुंदर वाचन किया गया। पंकज प्रसून ने फेसबुक पर पोस्ट की जाने वाले कमेंट के ऊपर हास्य कविता सुनाई। नव युवा साहित्यकार ज्ञानेंद्र मणि त्रिपाठी ने कहा कि मै बचपन में अपनी दादी से कहानी सुनता था और फिर धीरे धीरे लिखने लगा, क्योंकि कुछ अभिव्यक्तियाँ सुनाई नहीं जा सकती केवल लिख कर ही आत्मिक संतोष मिलता है।

डा. राम बहादुर मिश्र ने कहा कि कथा साहित्य पहले उसके बाद कविता। समाज को गढने का कार्य कथा साहित्य ने किया। इतिहास से कहानी बनती है लोक साहित्य में लोकमंगल की भावना ही कथाओं को आगे ले जाता है।

अलका प्रमोद ने कहा कि प्रेमचंद ने आम आदमी की कहानी लिखी। सौत उनकी पहली कहानी और कफ़न अंतिम कहानी थी। स्नेह लता स्नेह महिलाओं ने कहानियाँ लिखी उनमें अपना भोगा हुआ सच लिखा। नारी सशक्तिकरण के दौर में बहुत सी कहानियाँ लिखी गई। देह शब्द का प्रयोग से संस्कृति में उश्रृंखलता आई। उन्होंने अमृता प्रीतम की रसीदी टिकट कहानी का उल्लेख किया। नीलम राकेश ने कहा कि आज के बच्चों का साहित्य लेखन कम हो गया है शिशु शब्द अब बड़ा हो गया है। बच्चों को पढने की आदत डालनी है एकल परिवार के कारण दादी नानी की कहानियाँ बच्चों के पास नहीं रही। क़िस्से कहानियों की प्रासंगिकता वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विषय पर एक संगोष्ठी भी हुई। इस गोष्ठी का संचालन कथा रंग की सचिव अनुपमा शरद ने किया और अध्यक्षता डॉ. राम बहादुर मिश्र ने की।

कथा रंग द्वारा लखनऊ के युवा साहित्यकारों पंकज प्रसून और ज्ञानेंद्र मणि त्रिपाठी को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत मे संस्था की उपाध्यक्ष पुनीता अवस्थी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। कनिका अशोक, पूजा विमल,अमिता पांडेय, सोम गांगुली, सत्य प्रकाश, आदित्य विश्वकर्मा द्वारा कार्यक्रम का संचालन सराहनीय रहा। इस अवसर पर कथा रंग परिवार के सभी सदस्य ममता शुक्ला, गरिमा मिश्रा, अंशु, सुमन मिश्रा, देवी दीक्षित, अपूर्वा अवस्थी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट-देवेंद्र मिश्रा

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