समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खान (Azam Khan) और उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) के बीच चूहे-बिल्ली का खेल जारी है. प्रदेश में बीजेपी सरकार आने के बाद आजम खान पर 100 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए, जिनमें से अधिकतर में जमानत मंजूर हो चुकी है.
इसके बाद अब आजम खान के खिलाफ शिकंजा और कसने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं. अदालत की कार्रवाई में तेजी लाने के लिए सीआरपीसी की धारा-207 के अंतर्गत आजम खान को अदालत से आवश्यक कागजात विशेष वाहक द्वारा भेजे जाने के लिए सरकारी वकील ने अदालत से गुहार लगाई जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया.
सीआरपीसी की धारा-207 क्या होती है यह समझना जरूरी है. धारा-207 के अंतर्गत किसी भी अभियुक्त पर आरोप तय करने से पहले अदालत द्वारा अभियुक्त को कुछ आवश्यक कागजात उपलब्ध कराए जाना जरूरी होते हैं जोकि आजम खान के सीतापुर जेल में रहते वसूल कराए जाने में देरी हो रही थी. इसी देरी से बचने के लिए सरकारी वकील ने अदालत से गुहार लगाई.
उनसे संबंधित सभी मामले स्पेशल जज एमपी-एमएलए कोर्ट में सुने जा रहे हैं. हमारी जानकारी के अनुसार बहुत सारे मामले ऐसे हैं जिसमें चार्ज शीट दाखिल हो चुकी है और चार्ज फ्रेम किए जाने से पहले उन्हें 207-सीआरपीसी के अंतर्गत डॉक्यूमेंट दिए जाते हैं.”