सरकार, सुदूर और नक्सल क्षेत्रों में नियमित टीकाकरण के साथ-साथ कोरोना संक्रमण से बचाव के टीके एवं जाँच के लिए लोगों को लगातार प्रेरितकर रही है। इसके साथ ही समय-समय पर विभागीय कर्मियों से परामर्श सत्रों का आयोजन कराती है।
जमुई/बिहार। जिले के सुदूर और नक्सल प्रभावित आवादी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सहित बुनियादी सेवाओं की पहुँच चुनौतियों भरा होता है। इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग की पहली इकाई के तौर पर आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी तटस्थ उपस्थिति से करीब दो दशकों से मातृत्व शिशु स्वास्थ्य, किशोरावस्था स्वास्थ्य या वैश्विक महामारी कोविड-19 के तीसरे लहर ही क्यों न हो सराहनीय कार्यों से अपनी पहचान बनायीं हैं।
सुनीता हांसदा, आशा कार्यकर्ता, लेंग्रिटांड़ गाँव, खैरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कहती हैं कोविड-19 दिशा निर्देशों को पूरी तरह अपनाती हूँ अपने कार्य क्षेत्र के सभी लोगों को समझाने में सफलता के साथ लगी हूँ। मेरे क्षेत्र के लाभार्थियों जिसमें जाँच और टीकाकरण की सूची तैयार करना, सामाजिक उत्प्रेरण और नियमित टीकाकरण जो आंगनवाड़ी केन्द्रों पर प्रत्येक बुधवार और महीने के दुसरे शुक्रवार को कराना मेरी प्राथमिकता है। इन सब स्थितियों में समय का सही प्रबंधन के लिए विभाग से मिले प्रशिक्षणों का बखूबी उपयोग करती हूँ और समय-समय पर विभागीय कर्मियों से परामर्श सत्रों का आयोजन कराती हूँ। शायद इसी का परिणाम है मेरे गाँव में अभी तक एक भी परिवार के सदस्य कोरोना विषाणु से संक्रमित नहीं पाए गए हैं।
आगे जानकारी देती हुई आशा फेसिलिटेटर, कुमारी नीलम, बरियारपुर, खैरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बताती हैं हम अपने टीम के द्वारा स्वच्छता के मानकों में मास्क की उपयोगिता, सामाजिक दूरी, साबुन से नियमित अंतराल पर हाथों को धोने तथा अनावश्यक यात्रा से परहेज के लिए दैनिक स्तर पर समझाने का कार्य किया जाता है। वहीं नियमित टीकाकरण कोविड-19 जाँच की योजना बनायी जाती है और उसके कार्यरूप की मोनिटरिंग निरंतर करती हूँ। उन्होंने बताया इस हालात में कार्य करना विशेष चुनौती तो है लेकिन उत्साह और कर्मठता से लक्ष्यों की प्राप्ति होती है।
सुशीला कुमारी, आशा फेसिलिटेटर, रोपाबेल, खैरा कहती हैं हम तो महीने के प्रत्येक दिन अपनी सेवाओं को देने के लिए तत्पर हैं। विगत लॉकडाउन के समय से ही लाभार्थियों को संक्रमण से बचने के उपायों और समय-समय पर टीकाकरण, प्रसव पूर्व व पश्चात् जाँच, गृह भ्रमण में योगदान करती आ रही हूँ। इस पर खैरा प्रखंड के स्वास्थय प्रबंधक गिरीश कुमार ने कहा आशा कायकर्ताओं के कार्यों में निरंतर निखार आ रहा है। उनके प्रयास से स्वस्थ्य विभाग के हरेक क्षेत्र में सुधर हुआ है जो सदैव सरहनीय है।
वहीं जिले के प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह खैरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अमित रंजन कहते हैं आशा कार्यकार्ताओं ने अपनी दृढ इच्छाशक्ति से पोषण अनुरूप माहौल बनाने से लेकर मातृत्व शिशु स्वास्थ्य, किशोरावस्था स्वास्थ्य के अंतर्गत पियर एजुकेटर को युवा क्लिनिक से जोड़ना और कोविड-19 के जंग में उनकी महती भूमिका रही है।