इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने बढ़ते कर्ज के बोझ को कम करने के लिए लोन मांगा है। पाकिस्तान ने अपनी बाहरी वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए अब मध्य पूर्व क्षेत्र की बैंकों से चार अरब अमेरिकी डॉलर मांगे हैं। यह रकम पाकिस्तान ने सात अरब अमेरिकी डॉलर की विस्तारित निधि सुविधा (ईएफएफ) से मांगी है, जो कि मंजूरी के लिए विश्व मुद्रा कोष (आईएमएफ) में लंबित है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब और उनकी टीम ने दुबई इस्लामिक बैंक के ग्रुप सीईओ डॉ. अदनान चिलवान के साथ एक वर्चुअल बैठक की। इससे पहले मशरेक बैंक के अध्यक्ष और ग्रुप सीईओ अहमद अब्देलाल के साथ भी बातचीत हुई। दोनों बैठकों में आर्थिक दृष्टिकोण और पाकिस्तान में निवेश के अवसरों का पता लगाने को लेकर चर्चा की गई। इसमें ऋण को लेकर भी बात रखी गई।
दरअसल चालू वित्तीय वर्ष के बजट में पाकिस्तान ने लगभग 20 अरब अमेरिकी डालर की विदेशी उधारी का प्रस्ताव रखा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने उधारी चुकाने के लिए मध्य पूर्वी बैंकों से वाणिज्यिक ऋण मांगना शुरू कर दिया है। क्योंकि इस सप्ताह आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए सात अरब अमेरिकी डॉलर वाली ईएफएफ की मंजूरी को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया था।
वित्त मंत्री को उम्मीद है कि आईएमएफ अगले महीने नए ईएफएफ को मंजूरी दे सकता है। उधर पाकिस्तान ने विदेशी वाणिज्यिक बैंकों के साथ भी अपनी भागीदारी बढ़ा दी है। हालांकि इसमें उच्च वित्तपोषण लागत और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से कम क्रेडिट रेटिंग महत्वपूर्ण बाधाएं बनी हुई हैं। पाकिस्तान की वर्तमान क्रेडिट रेटिंग CCC+ है, जो काफी कम है। इसके चलते वाणिज्यिक बैंक ऋण देने के दौरान अधिक ब्याज मांग रही हैं।