Breaking News

एम्पलीफायर की धुन पर तीन घंटे संगीत सुनने के बाद ये गाये देती है दूध, मालिक ने बताई यह वजह

संगीत सुनने से मन को सुकून मिलता है। पॉजीटिविटी मिलती है।संगीत सुनना हर किसी को पसंद होता हैं। बहुत से लोग को काम करने के समय भी संगीत सुनने की आदत होती है। और उनका मन काम लगाता हैं। लेकिन क्या कभी किसी जानवर को संगीत सुनते हुए देखा हैं। नहीं देखा त अब देखने जाएं।

राजस्थान के सीकर जिले नीमकाथाना में खेतडी रोड पर स्थित श्रीगोपाल गौशाला में गायों को प्रतिदिन सुबह और शाम एम्पलीफायर लगाकर तीन तीन घंटे संगीत सुनाया जाता है और तभी दूध देती हैं। इस गौशाला के प्रबंधकों का कहना है, कि संगीत सुनने से गायों के दूध देने की क्षमता में 20% बढ़ोतरी हुई है। इस गौशाला में 550 गाय हैं। गायों को 2016 से सुबह 5:30 बजे से लेकर 8:30 बजे तक और शाम को 4:30 बजे से लेकर 8:00 बजे तक एंपलीफायर के द्वारा भजन सुनाए जाते हैं।

उन्हें एक व्यक्ति ने कहा था कि अगर आप गायों को संगीत सुनाएंगे तो गायों के दूध देने की क्षमता बढ़ जाएगी। उन्होंने इस बात पर अमल किया और अपनी गौशाला में एंपलीफायर लगा दिए। जब से उन्होंने गौशाला में संगीत बजाना शुरू किया तब से गायों के दूध देने की क्षमता बढ़ गई है।

उन्होंने बताया कि गायों को अच्छी तरह से रखने के लिये गौशाला में उन्होंने चालीस फुट लम्बा और 54 फुट चौडा आरसीसी का हॉल बनाया है जिसमें 108 पंखें लगाये गये है। इसमें भी म्यूजिक सिस्टम लगाया जायेगा। उम्मीद इस नई व्यवस्था से गायों की दुघ उत्पादन क्षमता और बढ़ेगी।
गौशाला में गायों की 24 घंटें देखभाल करने के लिये 22 कर्मचारी है और गौशाला का प्रतिमाह करीब सात लाख रूपये खर्चा आता है। उसमें दो लाख रूपये प्रतिमाह दूध बेचकर आते है वहीं शेष रकम जनसहयोग से मुंबई, सूरत, जयपुर नीमकाथाना से जुटाई जाती है। इस गौशाला के अच्छे संचालन के लिये राज्य सरकार की ओर से सम्मानित भी किया गया था।

वैसे भी गायो का संगीत सुनना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। यह परंपरा तो कृष्ण के समय से चली आ रही। जिनकी मुरली की मधूर धून सुनकर गाय खींची चली आती थी।

About News Room lko

Check Also

शरद पवार ने स्वीकार की MVA की हार, बोले- हमें अभी काफी काम करने की जरूरत

मुंबई। एनसीपी शरद गुट के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन ...