रामनगरी आने वाले दिनों में केवल धार्मिक पर्यटन के लिए ही नहीं जानी जाएगी। बल्कि रोजगार और उद्योग का भी यह एक बड़ा केंद्र बनेगा। इसके लिए शासन-प्रशासन ने बड़े पैमाने पर निवेशकों को लाने की तैयारी शुरू कर दी है। छोटे बड़े सभी उद्योगों में करीब साढ़े बारह हजार करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, किंतु यदि इसका एक चौथाई लक्ष्य भी पूरा हो गया तो #अयोध्या में रोजगार की बारिश होगी।
अयोध्या के उपायुक्त उद्योग कहते हैं कि उद्यमियों से पहले चरण की वार्ता हो चुकी है। इसका परिणाम भी अच्छा रहा है, करीब 20 उद्यमियों ने पहली ही वार्ता में निवेश करने की इच्छा जताई है।
इसके अलावा जिले के रहने वाले वह उद्यमी जो देश के अन्य भागों में बड़े उद्योग चला रहे हैं, उनसे भी संपर्क साधा जा रहा है। यहां स्थानीय उद्योगों में केएम शुगर मिल जैसे उद्योग भी एक्सपेंशन करना चाह रहे हैं। इस विषय में निरंतर वार्ता चल रही है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
हजारों युवाओं को मिलेगा रोजगार:सरकारी आंकड़ों के अनुसार एक लाख रुपये के निवेश पर एक व्यक्ति को #रोजगार मिलता है, लेकिन यदि पांच लाख के निवेश पर भी एक व्यक्ति को रोजगार मिले तो भी आने वाले वर्षों में अयोध्या में हजारों युवाओं को रोजगार मिल सकेगा।
क्योंकि माना जा रहा है कि लक्ष्य पूरा न हुआ तो भी दोनों विभागों की ओर से जिले में चार से पांच हजार करोड़ रुपये का निवेश अवश्य ही होगा। क्योंकि अयोध्या में उद्योग लगाने के लिए एनआरआई भी इच्छुक बताए जाते हैं। मुख्यमंत्री के विदेश दौरे के दौरान भी ऐसा होने के पूरे आसार हैं।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए प्रदेश सरकार ने अयोध्या में एमएसएमई को 1600 करोड़ रुपये और औद्योगिक विकास विभाग को 11 हजार करोड़ का निवेश कराने का लक्ष्य दिया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए संबंधित अधिकारी उद्योगपतियों से वार्ता कर रहे हैं। इसमें जहां नए उद्योग लगाए जाने हैं, वहीं पुराने उद्योगों की क्षमता में वृदि्ध भी होगी। इसके लिए शासन ने नए उद्योगों को कई तरह की सब्सिडी और निवेश लगाने में छूट का भी ऐलान किया है।