पाकिस्तान में पुलिस और सेना द्वारा बलोच नागिरकों पर किए जा रहे उत्पीड़न, जबरन गायब करने और हत्याओं के खिलाफ बलोचों का लॉन्ग (लंबा) मार्च इस्लामाबाद में पुलिस ने बृहस्पतिवार को रोक दिया। बलोच प्रदर्शनकारियों को वाटर कैनन का इस्तेमाल कर तितर-बितर किया गया। इस दौरान आंसू गैस छोड़ी गई और महिलाओं समेत कई लोगों की गिरफ्तारी भी की गई।
वीओए उर्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद पुलिस ने बलोचिस्तान में लापता व्यक्तियों का मुद्दा उठाने पर लंबे मार्च खत्म करने के लिए हिंसा की, जिसमें कई लोग घायल भी हुए हैं। बलोच वॉयस एसोसिएशन (बीवीए) के अध्यक्ष मुनीर मेंगल ने कहा कि पाकिस्तान ने बलोच कार्यकर्ताओं के विरुद्ध जो किया है उसके लिए उसे जवाबदेह ठहराना चाहिए। उन्होंने कहा, बलोचों का नरसंहार रोकने की मांग के लिए शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों पर रसायनों का इस्तेमाल किया गया। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी घटना की निंदा की। उसने घटना के वक्त लाठियां भांजने और महिला-पुरुषों व बुजुर्गों की पिटाई और गिरफ्तारी पर नाराजगी जाहिर की। मेंगल ने कहा, बलोच बच्चों के साथ भी घटनास्थल पर अत्याचार किए गए।
गिरफ्तार लोगों के अपहरण की आशंका को लेकर लोगों में भय
सभी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर पाकिस्तान पुलिस ने अलग-अलग स्टेशनों पर रखा है। बलोच वॉयस एसोसिएशन के अध्यक्ष मुनीर मेंगल ने बताया कि इस समय महिलाओं और बच्चों को दूसरे स्टेशन पर ले जाया जा रहा है। महिलाएं अपने पुरुष साथियों से जुड़ने में असमर्थ हैं, हमें डर है कि सरकार उनका अपहरण कर सकती है।