बलरामपुर में कुल 62 समितियां हैं, जहां से किसानों को उर्वरक, ऋण और दवाइयां जैसी सुविधाएं दी जाती हैं।
बलरामपुर में जनपद की 19 बहुउद्देशीय प्रारंभिक ग्रामीण समितियों (बी पैक्स) को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है। इससे समितियों का पूरा लेखा-जोखा ऑनलाइन हो जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा कर्मचारियों को मिलेगा, जिन्हें अब कार्य करने में सहूलियत होगी।
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भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश
कंप्यूटराइजेशन से समितियों में हो रही धांधली और भ्रष्टाचार पर रोक लग सकेगी। ब्योरा ऑनलाइन होने से सरकार भी समितियों की गतिविधियों पर सीधा नजर रख सकेगी। किसानों को दी जा रही सुविधाओं का सही तरीके से संचालन हो पाएगा।
समितियां किसानों को देती हैं कई सुविधाएं
बलरामपुर में कुल 62 समितियां हैं, जहां से किसानों को उर्वरक, ऋण और दवाइयां जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। केंद्र सरकार ने इनका नाम बदलकर बी पैक्स रखा है। अब इन समितियों के जीर्णोद्धार के साथ कंप्यूटरीकरण का कार्य तेज गति से हो रहा है।
पहली बार सीएससी सुविधा भी उपलब्ध
कंप्यूटराइजेशन के बाद समितियों में सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इससे किसानों को दवा, उर्वरक और ऋण के साथ अन्य सरकारी सेवाएं एक ही स्थान पर मिल सकेंगी।
पैक्सफेड सॉफ्टवेयर से जुड़ेंगी समितियां
एआर कोऑपरेटिव अमरेश कुमार तिवारी ने जानकारी दी कि तीसरे चरण में जिले की 62 में से 19 समितियों को कंप्यूटरीकृत करने की स्वीकृति मिली है। इन समितियों को पैक्सफेड सॉफ्टवेयर से जोड़ा जाएगा।
आधुनिक उपकरणों से लैस होंगी समितियां
कंप्यूटराइजेशन के तहत समितियों में कंप्यूटर, प्रिंटर, सीपीयू, इन्वर्टर और बैटरी लगाई जाएंगी। इससे उर्वरक की उपलब्धता, लेन-देन और कृषक सदस्यों की सदस्यता जैसी प्रक्रियाएं पूरी तरह से डिजिटल हो जाएंगी।
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किसानों को मिलेगा डिजिटल बिल
कंप्यूटराइजेशन के बाद किसानों के बिल और समितियों से संबंधित अन्य कार्य सीधे समितियों में किए जा सकेंगे। इससे किसी भी प्रकार के डेटा में छेड़छाड़ की संभावना खत्म हो जाएगी।
किसानों को होगा बड़ा फायदा
यह कदम किसानों के लिए बड़ा लाभकारी साबित होगा। अब उन्हें उर्वरक, ऋण और अन्य सेवाएं पारदर्शी तरीके से और आसानी से मिल सकेंगी। इसके साथ ही समितियों का प्रबंधन भी सुचारू और प्रभावी हो सकेगा।