महात्मा गांधी के प्रिय भजन वस्तुतः उनके जीवन दर्शन को प्रकट करते है। इनका सन्देश आज भी प्रेरणा देता है। इन भजनों में मन क्रम वचन तीनों की अहिंसा को महत्व दिया गया। पीर पराई से द्रवित होने का विचार है, सर्वधर्म समभाव है,उपकार की शिक्षा है।
वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड़ पराई जाणे रे,पर दु:खे उपकार करे तोये मन अभिमान न आणे रे।
सकल लोकमां सहुने वंदे निंदा न करे केनी रे, वाच काछ मन निश्चल राखे धन धन जननी तेनी रे॥
इसके अलावा…
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम
सीता राम सीता राम
भज प्यारे तू सीता राम
रघुपति राघव राजा राम
ईश्वर अल्लाह तेरे नाम
सबको सन्मति दे भगवान।।
का भी गायन हुआ।
योगी ने दी श्रद्धांजलि
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर लखनऊ के अटल चौक स्थित उनकी प्रतिमा स्थल पर ये भजन गूंज रहे थे। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांधी जी की प्रतिमा पर फूल माला चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। यहां उन्होंने भजन में भाग लिया। इस अवसर पर कई मंत्री व अधिकारी मौजूद थे।
छह शताब्दी पहले गुजराती कवि संत नरसिंह मेहता ने यह भजन लिखा था। दो वर्ष पूर्व गांधी जयंती पर केंद्र सरकार ने उनके प्रिय भजन का खास वीडियो जारी किया था। इसमें एक सौ चौबीस देशों के गायकों कलाकारों और म्यूजिक ग्रुप्स ने हिस्सा लिया था। यह अनोखी प्रस्तुति थी।