तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने भारत राष्ट्र समिति को बड़ा झटका दिया है। तेलंगाना सरकार में मंत्री रहे और पांच बार के विधायक जुपल्ली कृष्णा राव, पूर्व सांसद पोंगुलेटी और छह बार विधायक रहे गुरुनाथ रेड्डी ने करीब 35 नेताओं के साथ कांग्रेस का हाथ थाम लिया। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित प्रदेश कांग्रेस के नेता मौजूद थे।
कर्नाटक में जीत के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं। पार्टी को तेलंगाना में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि तेलंगाना में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखरराव के खिलाफ खुद उनकी पार्टी में काफी नाराजगी है। कई विधायक और वरिष्ठ नेता पार्टी में शामिल होने चाहते हैं, पर कांग्रेस संगठन को ध्यान में रखते हुए फैसला लेगी। उनके मुताबिक, जल्द कुछ और नेता शामिल होंगे।
प्रदेश कांग्रेस नेताओं का दावा है कि भाजपा के कई नेता भी कांग्रेस के संपर्क में हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि तय वक्त पर उन्हें भी पार्टी में शामिल किया जाएगा।
दरअसल, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान काफी बड़ी संख्या में भीड़ जुटी थी। इसके बाद पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की रैली और प्रदेश कांग्रेस की यात्राओं और कार्यक्रमों में भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं। इस सबको लेकर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
कृष्णा राव ने वर्ष 2011 में कांग्रेस छोड़कर बीआरएस में शामिल हुए थे। वर्ष 2014 के चुनाव में उन्होंने बीआरएस (तब टीआरएस) के टिकट पर कोल्लापुर क्षेत्र से जीत दर्ज की थी।
पर बाद में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के साथ उनके रिश्ते बिगड़ गए। कृष्णा राव और कुछ और नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते इस साल अप्रैल में पार्टी से निलंबित कर दिया था। इसलिए, बीआरएस के नेताओं के कांग्रेस में फिर शामिल होने को घर वापसी से जोड़कर भी देखा जा रहा है।