श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने तत्काल प्रभाव से देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है।इससे पूर्व सोमवार को तत्काल प्रभाव से देश में आपातकाल की घोषणा की गई।
225 सदस्यीय संसद के 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव करने की उम्मीद है।राष्ट्रपति पद के लिए 20 जुलाई को होने वाले चुनाव से पहले यह ऐलान किया गया है। जन विद्रोह को देखते हुए गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद यह पद खाली हुआ है।
श्रीलंका में राष्ट्रपति को सार्वजनिक सुरक्षा अध्यादेश के भाग 2 में आपातकालीन नियम लागू करने का अधिकार है। इसके अनुसार यदि राष्ट्रपति की राय है कि पुलिस किसी स्थिति से निपटने में असक्षम है तो वे आपातकाल लागू कर सेना को तैनात करने का आदेश दे सकते हैं। इसका मतलब यह है कि सुरक्षा बलों को हथियारों और विस्फोटकों की तलाशी लेने, संदिग्धों को गिरफ्तार करने, खदेड़ने और परिसरों या व्यक्तियों की तलाशी लेने का अधिकार है।
प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति पद को खत्म करके व्यवस्था में पूर्ण बदलाव लाने तक अपना संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया है। श्रीलंका में जनआंदोलन का सोमवार को 101वां दिन है, जिसके कारण गोटबाया राजपक्षे को राष्ट्रपति पद से हटना पड़ा।