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बेस्ट लीडरशिप वही, जो अंधेरे में भी दिखाएं रोशनी : मेजर शाह

Tirthankara Mahavir University: ‘चुनौतियों को जीत में बदलना : युद्ध के दौरान और उससे परे नेतृत्व के सबक’ विषयक लीडरशिप टॉक सीरीज

लखनऊ। रक्षा और रणनीतिक मामलों के विश्लेषक, (Defense And Strategic Affairs Analyst) जीवन शैली ट्रेनर, विजिटिंग फैकल्टी, इफेक्टिव कम्युनिकेशन अकेडमी के फाउंडर, बेस्ट ऑरटर मेजर मोहम्मद अली शाह (Major Mohammad Ali Shah) ने कहा है कि नकारात्मकता (Negativity) को कभी भी अपने जीवन का हिस्सा न बनाएं। यदि लक्ष्य की प्राप्ति करनी हैं तो सदैव सकारात्मक (Positive) रहना होगा। विफलताओं से कभी नहीं घबराएं (Never Be Afraid of Failures)।

मेजर शाह तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद की ओर से चुनौतियों को जीत में बदलनाः युद्ध के दौरान और उससे परे नेतृत्व के सबक पर आयोजित लीडरशिप टॉक सीरीज के 13वें सत्र में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। करीब एक घंटे के सारगर्भित संबोधन में मेजर शाह ने अपने सैन्य जीवन और निजी अनुभवों के माध्यम से नेतृत्व, साहस, सेवा और आत्म-विश्वास जैसे मूलभूत सिद्धांतों पर विस्तार से चर्चा की।

मेजर मोहम्मद अली शाह ने अपने जीवन के तमाम निगेटिव और पॉजिटिव पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा, सेना में भर्ती के समय वह बार-बार असफल हुए, लेकिन न हताश हुए न निराश हुए। हमेशा टारगेट पर फोकस रहा। जीवन में आने वाली असफलताएं ही भविष्य की सफलता की नींव होती हैं। उन्होंने युवाओं को हर परिस्थिति में सकारात्मक सोच और सीखने की प्रवृत्ति बनाए रखने की सलाह देते हुए कहा, हर बाधा जीवन का एक तरीका है, जो आपको कुछ बड़ा करने के लिए तैयार करता है। चुनौतियां बाधाएं नहीं हैं, वे ऊपर उठने के लिए निमंत्रण है।

मेजर मोहम्मद अली शाह ने कहा कि सफलता एक मंजिल नहीं, बल्कि एक निरंतर यात्रा है, जो हर चरण में पुर्नआविष्कार, प्रतिबिंब और लचीलेपन की मांग करती है। हर सेक्टर में कॉर्डिनेशन और कम्युनिकेशन की भूमिका अति महत्वपूर्ण है।

लीडरशिप टॉक के दौरान एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अक्षत जैन और मेंबर ऑफ गवर्निंग बॉडी जान्हवी जैन के संग-संग डीन एकेडमिक्स प्रो मंजुला जैन, डेंटल कॉलेज की डायरेक्टर गवर्नेंस नीलिमा जैन की गरिमामयी मौजूदगी रही। दूसरी ओर मेजर मोहम्मद अली शाह ने टीएमयू के कुलाधिपति सुरेश जैन, जीवीसी मनीष जैन, ईडी अक्षत जैन से शिष्टाचार मुलाकात की। कुलाधिपति सुरेश जैन ने मेजर शाह को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

टॉक सीरीज में फार्मेसी के स्टुडेंट्स संदेश सराफ ने सवाल किया, क्या वर्तमान में पत्रकारिता अपना धर्म निभा रही है? छात्र राजकुमार चौधरी ने पूछा, नेतृत्व क्षमता को कैसे विकसित किया जाए? अकेडमिक और व्यावहारिक क्षेत्र में इसका उपयोग कैसे किया जाए? साथ ही डेंटल स्टुडेंट्स से भी मुलाकात की। टॉक सीरीज के दौरान डॉ अमित कंसल, डॉ वरुण कुमार सिंह, डॉ महेश सिंह आदि की भी मौजूदगी रही। संचालन डॉ नेहा आनन्द ने किया।

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