महाराष्ट्र की राजनीति में नया विवाद जन्म लेता दिख रहा है। अब पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी #चंद्रकांत_खैरे ने कांग्रेस विधायकों में फूट का दावा कर दिया है। हालांकि, कांग्रेस की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आने के बाद उन्होंने बयान को वापस ले लिया। खैरे का कहना था कांग्रेस के 22 विधायक उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ जाने के लिए तैयार हैं।
इधर, खैरे के बयान पर कांग्रेस ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, ‘खैरे का बयान गैर जिम्मेदाराना था और इसकी जरूरत नहीं थी। उन्हें अपनी पार्टी की चिंता करनी चाहिए, जहां कई विधायकों ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने शिंदे के साथ हाथ मिलाया था।’
पटोले की प्रतिक्रिया के बाद खैरे ने बयान वापस लिया और माफी भी मांगी थी। उन्होंने कहा, ‘पटोले या किसी पार्टी को दुखी करना मेरा मकसद नहीं था, मैं कांग्रेस नेतृत्व को अलर्ट करना चाहता था।
मेरे विचार से शिंदे के विधायकों के अयोग्य होने की संभावना खत्म हीं हुई है और ऐसा होने पर फडणवीस मौके का फायदा उठाएंगे, कांग्रेस में फूट डालेंगे और सरकार पर नियंत्रण हासिल करेंगे। लेकिन कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रियाओं को देखते हुए, मैं बयान वापस लेता हूं और यह सुनिश्चित करूंगा कि MVA बनी रहे।’
शुक्रवार को औरंगाबाद में रैली के दौरान खैरे ने कहा था कि न्यायपालिका ने 16 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था, तो फडणवीस ने सरकार को बनाए रखना सुनिश्चित करने के लिए 22 कांग्रेस विधायकों को तैयार रखा है।
उन्होंने कहा था, ‘अगर शिंदे गुट के विधायक अयोग्य घोषित होते हैं, तो दल बदल कानून के प्रावधानों के आधार पर सरकार का गिरना तय है। इससे बचने के लिए फडणवीस ने 22 कांग्रेस विधायकों को तैयार रखा है, ताकि सरकार चलती रहे।’