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कैमरे की काली करतूत की बड़ी कमाई

पंजाब के चंडीगढ में लेडीज हास्टल की लड़कियों के नहाते समय किसी को पता न चल सके, इस तरह उनकी वीडियो बना लेने के प्रकरण ने इस समय काफी तहलका मचा रखा है। इससे घर छोड़कर अकेली रहने वाली लड़कियां तो डरी हुई हैं ही, मां-बाप भी परेशान हैं। पता नहीं कब उनकी बेटी बेपर्दा हो जाए।

इस प्रकरण मे एक लड़की ने पहले अपने नहाते समय का वीडियो शिमला में रहने वाले अपने ब्वॉयफ्रेंड को भेजा था। उसके बाद उस लड़की ने उसी तरह की दूसरी लड़कियों की वीडियो बनाई। इस मामले में कितनी लड़कियों की वीडियो बनाई गई और उनका क्या उपयोग किया जाता था, इस बारे में तरह-तरह की बातें सामने आ रही हैं। बहरहाल, यह तो जांच में पता चल ही जाएगा, पर इस प्रकरण से एक बार फिर चोरी-छुपे शूट किए जाने वाले पोर्न कांटेंट का मुद्दा चर्चा में आ गया है।

हम सभी रूढ़िवादी समाज में जीते हैं। आज भी हमारे यहां सेक्स, पोर्न और एडल्ट तो क्या, किश का नाम सुन कर ज्यादातर लोगों की नाक-भौं सिकुड़ जाती है। खुलेआम जिस चीज के बारे में कहना और सुनना टाला जाता है, उसे चोरी-छुपे यानी व्यक्तिगत रूप से देखने में किसी को भी संकोच नहीं होता। अमेरिका और ब्रिटेन के बाद सब से अधिक पोर्न कंटेंट अपने देश में देखा जाता है।

अपने देश में 70 प्रतिशत लोग पोर्न देखते हैं। पोर्न देखने में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। 30 प्रतिशत महिलाएं पोर्न देखती हैं। अपने देश में पोर्न कंटेंट देखना, बनाना, बेचना और शेयर करना आपराधिक कृत्य माना जाता है।

भारत सरकार ने असंख्य पोर्न साइटों पर प्रतिबंध लगा रखा है। फिर भी हकीकत यह है कि पोर्न आसानी से उपलब्ध है। पहले सीडियां आती थीं। अब तो जो देखना हो, मोबाइल पर ही देखा जा सकता है। साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि पोर्न कंटेंट को रोकना किसी के लिए भी संभव नही है। दुख तो इस बात का है कि जिसे नही देखना चाहिए, उसके सामने भी यह कंटेंट आ जाता है। आप कोई अच्छी साइट या न्यूज वेबसाइट देख रहे हैं, तब भी अचानक गंदा कंटेंट आ जाता है। नाजुक उम्र के लड़के या लड़की कौतूहलवश ऐसे कंटेंट पर क्लिक करते हैं और धीरे-धीरे उसमें रमते जाते हैं।

एक दूसरी बात यह भी समझने जैसी है कि लोगों को पोर्न कंटेंट में भी तरह-तरह की वेरायटी चाहिए। पोर्न रिलेटेड एक सर्वे से पता चला है कि चोरी-छुपे से बनाया गया पोर्न कंटेंट लोगों को बहुत पसंद आता है। हार्डकोर सेक्स की बात नहीं, लड़कियां नहा रही हों, दैनिक नित्यकर्म कर रही हों या कपड़े बदल रही हों, इस तरह के कंटेंट की भी खूब डिमांड होती है। अमुक शूटिंग तो प्लांटेड होती है या छुपा कर शूट हुई न हो।
जो लोग चोरी-छुपे एमएमएस बनाते हैं, उनकी अलग-अलग नीयत होती है।

एक तो इस तरह की क्लिप बना कर लड़कियों को ब्लैकमेल किया जाता है। जाने अंजाने में लड़कियों की खुली फिल्म बनाई जाती है और फिर उसके बाद उनकी हालत खराब हो जाती है। लड़कियां भी भोलेपन में अपने प्रेमी या दोस्त से बिंदास हो कर वीडियो काल पर बातें करती हैं। खुद ही अपनी क्लिक बनाती हैं और प्रेमी को भेजती हैं।

चंडीगढ वाली लड़की ऐसा ही करती थी। छुप कर क्लिप बनाने के पीछे मोटी कमाई करना होता है। पोर्न वेबसाइट पर इस तरह की क्लिप बाकायदे बेची जाती हैं। अमुक मामलों में तो ऐसा भी होता है कि लड़की नहा रही होती है और क्लिप बना ली जाती है और उसे पता ही नहीं होता कि उसकी पोर्न क्लिप वेबसाइट पर डाल दी गई है। पोर्न वेबसाइट की संख्या लाखों में नहीं, करोड़ो में है। इसमें किस वेबसाइट को कंटेंट बेचा गया, पता नहीं चलता।

पोर्न कंटेंट के लिए गरीब और अनपढ़ वर्ग को टार्गेट किया जाता है। अपने देश में ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें दो जून पेट भर रोटी भी नसीब नहीं होती। ऐसे लोग कुछ पैसों के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। इन्हें कुछ भी फर्क नहीं पड़ता कि कौन देखता है और क्या देखता है। अब तो तमाम लोगों को इस बात का पता चल गया है कि एडल्ट कंटेंट के लिए अच्छा पैसा मिलता है। बड़े शहरों में ऐसे भी कपल हैं, जो अपनी वीडियो बना कर पोर्न वेबसाइट को बेचते हैं। ये पति-पत्नी होते हैं और साथ मिल कर म्युचुअल अंडरस्टैडिंग से यह सब करते हैं। ऐसा करना भी अपराध है, पर करने वाले करते हैं। तमाम ऐसी वेबसाइटें हैं, जिनमें यह व्यवस्था होती है कि जो भी चाहे पोर्न कंटेंट अपलोड कर सकता है। इसमें जितनी हिट मिलती है, उसी हिसाब से पेमेंट किया जाता है।

अपने यहां सोशल मीडिया साइट्स पर भी लड़के और लड़कियां ऐसे फोटो और रील्स डालते हैं, जो पोर्न कंटेंट के एकदम नजदीक होती हैं। मजे की बात यह है कि लोग नाक-भौं सिकोड़कर यह सब देख लेते हैं। कम कपड़े पहनी लड़कियों को जूम कर के देखने वालों की भी कमी नहीं है।

इस मुद्दे पर तमाम लोग यह भी दलील करते हैं कि आखिर लोग क्यों न देखें? लोग देखते हैं तभी तो इस तरह के कंटेंट डाले जाते हैं। मोरालिटी की कोई बात इसमें आती नहीं। अब तो पोर्न भी इंटरटेनमेंट में आने लगा है। तमाम देशों में तो लीगल भी है। जिसे देखना हो, वह देखे और जिसे गंदा लगता हो, उससे कोई जबरदस्ती तो नहीं करता।

अपने देश में पोर्न कंटेंट धोखे से बनाया जाता है। राज कुंद्रा तो याद ही होंगे। वह पकड़ाए तो यह प्रकरण खूब गूंजा। अब तो लोग सब भूल गए हैं। हीरोइनों को फिल्म करने के बहाने हायर किया जाता है। फिल्म की ही तरह फिल्म बनाई जाती है। फिल्म में कुछ बेडरूम के सीन होते हैं, जो स्टोरी का ही हिस्सा हैं, इस तरह शूट किए जाते हैं, बाद में उन्हें अलग कर के बेचा जाता है। अपने यहां ओटीटी पर कुछ वेब सीरीजें ऐसी हैं, जो पोर्न कंटेंट को टक्कर देती हैं।

सरकार ने पोर्न कंटेंट के लिए कानून बनाया है। अपने यहां ही नहीं, पूरी दुनिया में बदनामी के डर से कोई लड़की शिकायत नहीं करती। पर अब समय बदल गया है। ऐसा बिलकुल नहीं है कि लड़कियों के साथ ही ऐसी काली करतूत होती है, लड़के भी इससे बचे नहीं हैं। गे कंटेंट के लिए लड़कों को भी फंसाया जाता है। ट्रांसजेंडर भी इससे नहीं बच पाए हैं। पोर्न इंडस्ट्रीज में तो अब ऐसी भी बातें होने लगी हैं कि जो लोग स्वेच्छा से आते हैं, वे भले आते हैं, पर किसी के साथ जबरदस्ती या ब्लैकमेलिंग नहीं होनी चाहिए। इन लोगों का तो यह भी कहना है कि अपनी मर्जी से यह सब करने वालों की कहां कमी है, जिससे लोगों को फंसा कर यह सब कराया जाए। अलबत्त, जिन्हें रुपए कमाने हैं, वह किसी भी हद तक जा सकता है। हम सभी को अपना ध्यान रखना है कि कोई अपने साथ गलत न कर जाए। लड़की हो या लड़का, प्यार या दोस्ती के भ्रम में ऐसा कुछ न कर बैठे, इस बात का ध्यान रखें। शिकारी तो घात लगाए ही बैठे हैं, बचने की जिम्मेदारी अपनी है।
हा, ऐसा ही है।

1895 में लुमियर ब्रदर्स ने फिल्म की खोज की थी, उसके बाद एक ही साल में यानी 1896 में एडल्ट फिल्म ‘ला कोचर दे ला मेरी’ बन गई थी। इस समय पोर्न फिल्म इंडस्ट्री 99 बिलियन डालर की है। हर सेकेंड 30 हजार लोग पोर्न साइट्स देख रहे होते हैं। हर सेकेंड 3076 डालर सेक्स वीडियो के पीछे खर्च होता है। इंटरनेट पर पोर्न, एडल्ट और सेक्स सब से अधिक सर्च किया जाता है।

      वीरेंद्र बहादुर सिंह

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