लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने रेहडी पटरी दुकानदार, ठेले, खोमचे वाले दुकानदार, दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा चालक, पल्लेदार सहित नाई, मोची जैसे परंपरागत कामगारों के हित में लिए गए निर्णयों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की प्रदेश भाजपा सरकार का स्वागत करते हुए बधाई दी है। श्री सिंह ने कहा कि वैश्विक महामारी के काल में छोटे-छोटे व्यवसायों से जुड़े दुकानदार व कामगारों को एक हजार रुपये, अंत्योदय एवं पात्र गृहस्थी श्रेणी के कार्ड धारकों को तीन माह प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल निशुल्क देने का मुख्यमंत्री योगी का निर्णय गरीब, मजदूर, कामगार तथा महिलाओं को बड़ी राहत देगा।
आगे कहा कि, वैश्विक महामारी के समय चुनौतियों के साथ देश आगे बढ़ रहा है। ऐसे में गरीब, मजदूर, किसान तथा छोटे छोटे व्यवसायियों से जुड़े दुकानदार व कामगारों की गृहस्थी का ताना-बाना न बिगड़े, इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार निम्न आय वर्ग के हित में लगातार निर्णय ले रही है।
इसी कड़ी में आज प्रदेश भाजपा सरकार ने लगभग एक करोड़ छोटे दुकानदारों व कामगारों को 1000 रुपये देने का निर्णय दिया है। प्रदेश की 15 करोड़ जनता को निशुल्क राशन का निर्णय देने की प्रतिबद्धता ‘सबका साथ-सबका विकास व सबके विश्वास’ के संकल्प की कड़ी है।
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के काल में भी भाजपा सरकार गरीब की आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए निर्णय भी ले रही है। गरीब की रसोई की चिंता भी कर रही है और वैश्विक महामारी से लड़ते हुए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का भी प्रतिदिन विस्तार कर रही है।
गांवों में कोरोना के हालात से निपटने के लिए योगी ने सीनियर आईएएस अफसरों को सौंपी कमान
वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के गांवों की ओर संक्रमण के बढ़ते प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी ने राज्य के 59 सीनियर आईएएस अफसरों को जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार (15मई) को टीम-9 के साथ समीक्षा बैठक के दौरान सभी को अब गांवों पर अधिक फोकस करने का निर्देश दिया। इसी क्रम में 75 जिलों में 59 अफसरों को नोडल अफसर बनाया गया है। अपर मुख्य सचिव के साथ ही प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारी गांवों में बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशसन के कार्यों की निगरानी करेंगे। नोडल अधिकारी रोज जिलाधिकारी तथा सेक्टर प्रभारी के रूप में तैनात जिला प्रशासन के अधिकारी से रोज रिपोर्ट लेंगे।
यह सभी अधिकारी एक-एक जिलों में एक सप्ताह तक रुकेंगे। यहां वह कोरोना संक्रमण के रोकथाम और सीएचसी, पीएचसी में ऑक्सीजन के अलावा बेड की उपलब्धता सुनिश्चित् करेंगे। यह सभी जिला प्रशासन के कार्यों का निरीक्षण भी करेंगे। जिलों से वापस आकर शासन को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे।
कोविड प्रबंधन में निगरानी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए अब हर जनपद में सचिव अथवा उससे उच्च स्तर के एक अधिकारी को नामित किया गया है। इनके साथ ही न्याय पंचायत स्तर पर जिला स्तरीय अधिकारियों को सेक्टर प्रभारी के रूप में तैनात किया जाएगा। राज्य सरकार शहर में नए केस कम संख्या में मिलने के बाद भी कोई जोखिम उठाना नहीं चाहती।