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भाजपा झूठी वाहवाही का कोई मौका नहीं छोड़ती, प्रधानमंत्री ‘जहां बीमार वहीं उपचार’ का नया नारा लेकर आए: अखिलेश यादव

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि कोरोना महामारी और ब्लैक फंगस के आतंक के बीच भी भाजपा सरकार सच को पूरी तरह नकारने, जनता में भ्रम फैलाने और झूठी वाहवाही लेने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है। प्रधानमंत्री ’जहां बीमार वहीं उपचार’ का नया नारा लेकर आ गए हैं। 7 वर्ष में बहुत काम होने का प्रशस्ति मेडल भी उन्होंने खुद अपने नाम कर लिया है। मुख्यमंत्री की मजबूरी है हाँ में हाँ मिलाने की। शहर से गांव तक पूरे राज्य में चिकित्सा व्यवस्था बर्बाद करने के बाद भी बधाई का आदान प्रदान चलता रहता है। भाजपा की सोची समझी रणनीति के तहत ऐसा किया जा रहा है ताकि जनता भ्रम में रहे और बिना उपचार हो रही बेमौतों पर पर्दा पड़ा रहे।

उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री की माने तो आंकड़ों और जुबानी दावों के साथ प्रदेश में कोरोना संक्रमण, ब्लैक फंगस और टीकाकरण सभी क्षेत्रों में हवाई कन्ट्रोल हो चुका है जबकि शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाओं पर बदइंतजामी का ताला पड़ा हुआ है। दवा, इलाज के लिए हाहाकार मचा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी मान लिया है कि उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों से भी कोरोनारोधी टीकाकरण के मामलों में उत्तर प्रदेश बहुत पीछे है। कागजों पर इलाज, जमीन पर बेइलाज यही प्रदेश की नियति हो गयी है।


उत्तर प्रदेश में कोरोना और ब्लैक फंगस के इलाज में अव्यवस्थाएं छुपाए नहीं छुप रही हैं। अभी भी रोज मौते हो रहीं हैं। दवा, इंजेक्शन, समय से इलाज के अभाव के साथ इनकी कालाबाजारी पर सरकार रोक नहीं लगा पायी। करोना महामारी का अगला दौर और ज्यादा संघातक होने और बच्चों तक इसके फैलने से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान का भी भाजपा सरकार ने मजाक बना दिया है। टीकाकरण की नीति की अस्पष्टता, पंजीकरण में बाधाएं, फिर सेंटरों पर टीका नहीं होने की दुर्व्यवस्था से जनता परेशान है।

अभी भी समय है भाजपा सरकार लोकतंत्र की मूल भावना का पालन करते हुए विपक्ष के सुझावों पर भी ध्यान दे। सरकारी व्यवस्था में जो कमियां उजागर हो रही है, उनके प्रति सकारात्मक रुख अपनाए। विपक्ष को बदनाम करने और अपने झूठ पर पर्दा डालने की उसकी रीति नीति से प्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ी है। आज भी हजारों लोग इलाज की दो बूँद के लिए तरस रहे हैं। न दवा, न बेड, न टेस्ट, न वैक्सीन भाजपा के कारण यही नियति है। गांवों में लोग बुखार में तप रहे हैं। जनता अब उप्र से भाजपा को हटाने के इंतजार में है।

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