चंदौली। शायद इसी को सत्ता की हनक कहते हैं। विधायक तक तो फिर भी ठीक है लेकिन जहां एसपी और डीएम को बैठना चाहिए, वहां बीजेपी के जिलाध्यक्ष ने कब्ज़ा किया। अब जिलाध्यक्ष को कौन बताए कि अधिकारियों की नजर में भले ही भौकाल टाइट हो रहा है। लेकिन शासन की किरकिरी हो रही है। यह नजारा मंगलवार को चंदौली कलेक्ट्रेट में देखने को मिला।
जिले के प्रभारी मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल अधिकारियों की बैठक लेने कलेक्ट्रेट पहुंचे तो उनके साथ विधायक साधना सिंह और जिलाध्यक्ष अभिमन्यू सिंह भी पहुंच गए। डीएम और एसपी मंत्री जी का स्वागत कर निकल गए। हालांकि जिलेे के अन्य आलाधिकारी मौजूद थे।
इसके बाद मंत्री जी बीच की सबसे बड़ी कुर्सी पर विराजमान हो गए और अमूमन जहां डीएम और एसपी बैठते हैं उन कुर्सियों पर जिलाध्यक्ष और विधायक जम गए। अधिकारियों को यह बात समझ में नहीं आ रही थी कि मंत्री जी की बैठक में जिलाध्यक्ष का क्या काम। बहरहाल बैठक में जिले के सभी अधिकारी अगल-बगल की कुर्सियों पर बैठे रहे और प्रभारी मंत्री के साथ विधायक और जिलाध्यक्ष की भी सुनते रहे।
सत्ता पक्ष के दोनों नेता पूरे रौब में थे। इस बात को दरकिनार कर चुके थे कि इससे सरकार की छवि भी प्रभावित होती है। खासकर बीजेपी की जो आमतौर पर सबसे अनुशासित पार्टी मानी जाती है। लेकिन शायद इसी को सत्ता की हनक कहते हैं।
रिपोर्ट-अमित कुशवाहा