लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार की उत्तर प्रदेश में जब चलाचली की बेला आ गई है तब मुख्यमंत्री जी कहीं शिलान्यास की औपचारिकता निभाने का टोटका कर रहे हैं तो कहीं वृक्षारोपण के रिकार्ड बनाने में लग गए हैं। यद्यपि राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती दशा पर वे आंख बंदकर बैठ गए हैं। अपने कार्यकाल के अधिकांश समय तो वे जनहित की कोई योजना सामने नहीं ले पाए। अब विदाई में पत्थरों पर अपना नाम छपवाने में सक्रियता दिखा रहे हैं। लेकिन जनता सच्चाई जानती है कि जब अभी तक कुछ नहीं कर पाए तो अब आखिर में क्या खाक हवा महल बना देंगे।
हस्तिनापुर को रेल मार्ग और हाइवे से
मुख्यमंत्री जी हस्तिनापुर पहुंच कर तथाकथित वृक्षारोपण अभियान की शुरूआत करेंगे। इसमें नई बात क्या है? महाभारत काल में देश की राजधानी हस्तिनापुर को इससे क्या मिलने वाला है? हस्तिनापुर को रेल मार्ग और हाइवे से जोड़ने की मांग पिछले 70 वर्षों से जनता करती आ रही है। भाजपा सरकार का भी ध्यान इधर न गया है और न जाने वाला है।
भाजपा सपने दिखाकर लोगों को बहकाने का काम बड़ी चतुराई से करती हैं जबकि समाजवादियों का काम खुद बोलता है। समाजवादी पार्टी सरकार के समय ही हस्तिनापुर में एक बड़ा बिजलीघर बना जिससे किसानों, नगरवासियों की बिजली सम्बंधी समस्या दूर हो गई। आश्रम पद्धति का एक हाईस्कूल और गल्र्स हास्टल बना। बूढ़ी गंगा पर पुल बनवाया गया। बस्तौरा गांव में गंगा के पानी से गांवों को बचाने के लिए बांध बना। डेयरी फार्म की जमीन समतल कराई। यानी जो भी विकास हुआ, समाजवादी सरकार के कार्यकाल में ही हुआ हैं।
जो वृक्षारोपण किया उसके पौधे कहां किस हालत में
भाजपा सरकार की एक विशेषता यह भी है कि वह अपने काम का ब्यौरा देने से कतराती है। कोरोना की जांच के सही आंकड़े नहीं मिलते हैं। भाजपा सरकार यह नहीं बताती कि पिछले तीन वर्षों में उसने जो वृक्षारोपण किया उसके पौधे कहां किस हालत में है। पर्यावरण संरक्षण भाजपा के लिए भ्रष्टाचार का एक रास्ता है। इसके विपरीत समाजवादी सरकार में राजधानी लखनऊ में 400 एकड़ जमीन में विशाल जनेश्वर मिश्र पार्क बना, जहां की हरियाली देखते बनती है। लाॅयन सफारी इटावा में एक हजार एकड़ में वृक्षारोपण किया गया था। समाजवादी सरकार का एक दिन में 5 करोड़ वृक्षारोपण का रिकार्ड गिनीज बुक में दर्ज है। चूंकि इनके रख-रखाव की भी व्यवस्था हुई इसलिए वे आज भी जीवित हैं और फल-फूल रहे हैं।
सच्चाई का सामना करने की हिम्मत नहीं
प्रदेश में हरियाली उगाने के पहले मुख्यमंत्री जी बुन्देलखण्ड में जलधारा भी बहा चुके हैं। विगत मंगलवार को उन्होंने शिलान्यास के पत्थर में अपना नाम लगवा दिया बस यही उनका विकास मिशन है। भाजपा सरकार ने लगता है कोई ऐसा मंत्र फूंक दिया है कि अब सदा के लिए बुन्देलखण्ड की प्यास भी बुझ जाएगी। भाजपा नेतृत्व की समस्या यह है कि उनमें सच्चाई का सामना करने की हिम्मत नहीं है। बुन्देलखण्ड में समाजवादी सरकार के समय ही पानी की टंकी लगी, पाइप बिछा दिए गए थे। चरखारी में 8 तालाबों का जीर्णोद्धार हुआ। चंद्रावल नदी को पुनर्जीवित करने के साथ सैकड़ों तालाब गहरे किए गए।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर आघात
अब तो भाजपा की सत्ता जाने में डेढ़ वर्ष ही बचा हैं। अब तक भाजपा ने प्रदेश को बदहाल बनाने का ही काम किया। समाज का हर वर्ग परेशान हुआ है। न नदियां साफ हुई न लोगों को बिजली, पानी, मकान जैसी बुनियादी सुविधाएं मिली। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर आघात हुआ। जन-मन की आकांक्षाओं को कुचलने और लोकतंत्र को आहत करने में ही भाजपा ने अब तक पूरा समय लगा दिया है।