पूर्वांचल में चार दशकों से जारी स्वास्थ्य व सुविधाओं की बदहाली को दूर करने में योगी आदित्यनाथ ने अनेक कदम उठाए है। इसके दृष्टिगत अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके अलावा गोरखपुर में होने वाले विकास कार्यों का परोक्ष अपरोक्ष लाभ पूर्वांचल के अन्य जनपदों को भी मिलता है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनपद गोरखपुर के विकास की अनेक योजनाएं संचालित हैं।
रामगढ़ ताल में सी प्लेन उतारने का कार्य होगा। मार्च माह में गोरखपुर जू का उद्घाटन होगा। इस जू से मनोरंजन के साथ साथ ज्ञानार्जन भी होगा। गोरखपुर में सड़कों का चौड़ीकरण तेजी से कराया जा रहा है। सड़कों का विस्तार विकास का आधार होता है। चार लेन सड़कों को छह लेन में विस्तारित किया जा रहा है। विकास कार्यों के संरक्षण के कार्य में जनता सहभागी बने।
लोकार्पण व शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने आज जनपद गोरखपुर में पैसठ करोड़ रुपए से अधिक लागत की तीन परियोजनाओं का लोकार्पण तथा एक परियोजना का शिलान्यास किया। इनमें राप्ती नदी के बाएं तट पर महायोगी गुरु गोरक्षनाथ घाट एवं राजघाट का निर्माण, राप्ती नदी के दाएं तट पर रामघाट का निर्माण, राजघाट पर अन्त्येष्टि स्थल का निर्माण एवं प्रदूषण मुक्त लकड़ी व गैस आधारित शवदाह संयंत्र की स्थापना शामिल है। उन्होंने हाबर्ट बन्धे से महायोगी गुरु गोरक्षनाथ घाट तक सीसी सड़क व नाली निर्माण का शिलान्यास भी किया। इसके अतिरिक्त,उन्होंने सौ दिव्यांगजन को मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल वितरित कीं तथा नाव से नदी के पार जाकर रामघाट के कार्यों का निरीक्षण तथा राजघाट पर राप्ती नदी की आरती की।
जन सुविधा का विस्तार
राजघाट पर जन सुविधाओं की व्यवस्था भी की गई है। शहर से आने वाले ड्रेनेज और सीवर के पानी यहां पर का ट्रीटमेंट करने के बाद ही जल नदी में जाएगा। गोरखपुर में राप्ती नदी में स्नान के लिए अलग से घाट की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। घाटों के संरक्षण और साफ सफाई का उत्तरदायित्व सभी का है। उन्होंने कहा कि रामगढ़ ताल एक अच्छी झील के रूप में विकसित हो रहा है। उसके सौन्दर्य को बनाए रखने के लिए जन सहभागिता आवश्यक है। स्थानीय स्तर पर कहीं भी कोई ऐसा कार्य न हो, जो प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के विरुद्ध हो।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि हाबर्ट तटबंध से स्नान घाट तक आने के लिए सड़क का उच्चीकरण करते हुए उसे दो लेन किया जाए, जिससे आवागमन में सुविधा हो सके। सीवर ड्रेनेज का प्रदूषित जल रोका जाए। नदियों के प्रति पवित्रता का भाव हम सबके मन में होना चाहिए। जल है तो कल है’। हमें जल संस्कृति को अपनाना होगा। प्रयागराज में गंगा जी निर्मल हैं। इसी प्रकार राप्ती नदी की निर्मलता को भी बनाए रखा जाए। नदियों को प्रदूषण मुक्त करते हुए घाटों के सौन्दर्य को बनाए रखने के उपाय किए जाएं।