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मामूली विवाद में खूनी संघर्ष व फायरिंग, पुलिस ने घर में घुसकर की महिलाओं व युवतियों की पिटाई

सतांव/खीरो-रायबरेली। शनिवार को एक बार फिर सत्ता की हनक और खाकी की धमक से हथिगवाँ गाँव गूँज उठा। चारो ओर पुलिस का ताण्डव और ग्रामीणों व महिलाओं व युवतियों की चीखपुकार चारों ओर सुनाई दे रही थी। पुलिस के जाने के बाद भी ग्रामीण पुलिस की दहशत के कारण अपने घरों के दरवाजे खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। घरों में घुसकर पुलिस ने महिलाओं व युवतियों की जमकर पिटाई की। पुलिस ने क्रूरता की सीमा पार करते हुए गर्भवती महिलाओं को भी नहीं बक्सा। जिससे पूरे गाँव में दहशत व पुलिस के प्रति आक्रोश का माहौल है।

ग्रामीणों के अनुसार शनिवार की दोपहर से पहले भीतरगांव निवासी बबलू सिंह व हथिगवाँ निवासी रोहित शुक्ला के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी और गाली गलौज हुआ। सूचना पर पहुँची गुरुबक्सगंज पुलिस ने मामले को शान्त करा दिया। पुलिस के वापस जाने के बाद एक बार मामले ने फिर तूल पकड़ा और इस विवाद में राजनैतिक रोटियाँ सेंकते हुए इस विवाद को चुनावी रंग दे दिया। देखते ही देखते दोनों गाँवों से काफी संख्या में लोग एकत्र हुए और आनंदी देवी इण्टर कालेज के पास दो समूहों के बीच जमकर मारपीट और कई राउण्ड फायरिंग हुई। जिसमें विजय नारायण शुक्ला, वीरेन्द्र शुक्ला, बृजेश शुक्ला, रूपेश शुक्ला, आकाश शुक्ला आदि सहित कई लोग घायल हो गए।

सूचना पर गुरुबक्सगंज और खीरों थाने का भारी तादात में पुलिसबल मौके पर पहुँचा और कई लोगों को हिरासत में लिया। हथिगवाँ निवासी सुधा शुक्ला और राजेन्द्र शुक्ला सहित हथिगवाँ के ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इसी दौरान सत्ता पक्ष के नेताओं का फोन आने के बाद गुरुबक्सगंज प्रभारी सन्तोष कुमारी के नेतृत्व में सारा पुलिसबल हथिगवाँ पहुँचा और गाँव में जमकर तांडव किया। गाँव में जो भी युवक बुजुर्ग आदि दिखाई पड़े सभी को दौड़ा दौड़ाकर पीटा। घरों में घुसकर महिलाओं व युवतियों के साथ गर्भवती महिलाओं की जमकर पिटाई की। इससे गाँव में दहशत फैल गई और लोगों ने अपने घरों में घुसकर दरवाजे बन्द कर लिया । इतने पर भी जब इन्स्पेक्टर सन्तोष कुमारी का गुस्सा ठण्डा नहीं हुआ तो उन्होंने घरों के किवाड़ों में लात मारकर तोड़ना शुरू कर दिया।

इस दौरान पहुँचे मीडिया कर्मियों को भी समाचार संकलन से मना करते हुए उन्हें भी विजय नारायण शुक्ला के दरवाजे खड़े रहने का आदेश सुना दिया और कई पुलिसकर्मियों को मीडिया कर्मियों को रोकने का आदेश दिया। इन्स्पेक्टर सन्तोष कुमारी के साथ प्रभारी निरीक्षक खीरों राजेश सिंह भी गाँव में पूरी तरह से अपनी खाकी का रौब झाड़ने और सत्तापक्ष की फरमाबरदारी में किसी से पीछे नहीं रहे। मारपीट में घायल हुए लोगों के परिवारीजनों ने बताया कि उन्हें यह नहीं मालूम है कि उनके घायल परिवारीजन किस अस्पताल में हैं। उन्हें अपने घायलों का इलाज कराने के लिए घरों से बाहर निकलने में इस बात का भय सता रहा है कि कहीं फिर से पुलिस का कोपभाजन न बनना पड़ जाय।

इसलिए सभी लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं । पुलिस के इस कारनामे से समूचे गाँव में भय और आक्रोश का माहौल है। हथिगवाँ से वापस लौट कर पुलिस ने भीतरगांव में सड़क पर पैदल मार्च किया और सारी दुकानें बन्द करवा दी। प्रभारी निरीक्षक गुरुबक्सगंज सन्तोष कुमारी ने बताया कि किसी बात को लेकर भीतरगांव और हथिगवाँ के दो पक्षों में मारपीट हुई है। फायरिंग की जानकारी नहीं मिली है। दोनों पक्षों के कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। घटना की जाँच की जा रही है। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी।

रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा

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