कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच अब महाराष्ट्र सरकार ने पत्रकारों को 50 लाख एक्सीडेंट कवर देने का फैसला किया है. इसकी घोषणा राज्य के पब्लिक हेल्थ मिनिस्टर राजेश टोपे ने की है. राज्य में इससे पहले पुलिस, डॉक्टर, होम गार्ड्स, और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को राज्य सरकार द्वारा 50 लाख के एक्सीडेंट कवर में शामिल किया गया है. कोरोना संकट के दौरान जो भी कर्मचारी सर्वे, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं, उन्हें इसमें जोड़ा गया है.
राजेश टोपे ने कहा है कि कोरोना संकट के दौरान प्रिंट और टीवी मीडिया के पत्रकार, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर बेहद रिस्क में अपना काम पूरा कर रहे हैं. सरकार इन्हें भी अपनी व्यापक एक्सीडेंट कवर योजना का हिस्सा बनाएगी. फ्री प्रेस जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह की स्कीम से उन पत्रकारों या सरकारी कर्मचारियों के परिवारों के मदद मिल सकेगी, जो कोरोना संकट के वक्त अपनी जिंदगी जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं.
गौरतलब है कि अप्रैल महीने में देश की आर्थिक राजधानी में मुंबई में 53 पत्रकार कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे. इन सभी को आइसोलेशन के लिए भेज दिया गया था. फील्ड में काम कर रहे 171 पत्रकारों के सैंपल इकट्ठा किए गए थे. इनमें फोटोग्राफर, वीडियो पत्रकार और रिपोर्टर्स शामिल थे. कई संक्रमित लोगों में कोई भी लक्षण दिखाई नहीं दे रहे थे. कोविड-19 की जांच के लिए 16 और 17 अप्रैल को आजाद मैदान में विशेष शिविर लगाया गया था और इस दौरान 171 मीडियाकर्मियों के लार के नमूने लिए गए थे जिनमें इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के पत्रकार, फोटोग्राफर और कैमरामैन शामिल थे.
गौरतलब है कि भारत में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज इस वक्त महाराष्ट्र में ही हैं. सिर्फ आर्थिक राजधानी मुंबई में ही देश के बीस प्रतिशत रोगी सामने आए हैं. राज्य का पुणे शहर भी कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित है. अब तक राज्य में कोरोना के कुल 77 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.