साहित्य शक्ति संस्थान के सौजन्य से आयोजित पुस्तक विमोचन एवं सारस्वत सम्मान समारोह नागरी प्रचारिणी सभा देवरिया मे सम्पन्न हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रख्यात भाषा विज्ञानी एवं मीडिया अध्ययन विशेषज्ञ आचार्य पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने कहा कि पुस्तकें लोक समाज और राष्ट्र की अमूल्य धरोहर होती है।
लोकार्पित पुस्तक बंद दरवाज़े का मकान एनं समय के अश्व मे काव्य शिल्पी प्रियंवदा का रचना संसार बड़ा है। इन्होंने जीवन की सफल चित्रकारी की है। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रंगकर्मी डाॅ किशोर सिन्हा ने कहा कि कविता लिखना जीवन का पुण्य है। यह हर कोई नही कर सकता। वर्तमान दौर में साहित्य की दुनिया मे बड़ा बदलाव आया है और यह बदलाव भविष्य के लिए शुभ है।
इस अवसर जनपद की कवयित्री प्रियंवदा पाण्डेय के दो काव्य संग्रह बंद दरवाजे का मकान एवं समय का अश्व का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। वाणी वन्दना वंदना सूर्यवंशी और स्वागत गीत अंजना मिश्रा ने प्रस्तुत किया।स्वागत भाषण इन्द्र कुमार दीक्षित ने किया। आचार्य पंण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय के अभिनन्दन पत्र का वाचन डाॅ नीरजा बसंती, किशोर सिन्हा के अभिनन्दन पत्र का वाचन मानवेन्द्र मिश्र तथा कवयित्री प्रियंवदा पाण्डेय के अभिनन्दन पत्र का वाचन अमित शर्मा ने किया।
प्रियंवदा ने सभी अतिथियों को बुके प्रदान कर स्वागत की।सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र, अभिनन्दन पत्र,नारियल आदि प्रदान कर अतिथियों का सम्मान किया गया। अनीता विश्वकर्मा, अनुपम चतुर्वेदी, आमोद सिंह और विपिन दूबे ने लोकार्पित पुस्तक मे संग्रहीत कुछ रचनाओं का काव्यपाठ किया। पुस्तक की भूमिका बालेन्दु मिश्र एवं समीक्षा ज्ञानेन्द्र मिश्र ने पढ़ी। प्रियंवदा ने अपने लेखन यात्रा के बारे मे विस्तृत चर्चा करते हुए सबको मंत्र मुग्ध कर दी।
इस अवसर पर इन्होने अपनी पांच रचनाकारो का काव्यपाठ किया। प्रियंवदा के पिता अमरनाथ पाण्डेय ने सभी काव्यपाठ करने वालो रचनाकारो को धनराशि देकर सम्मानित किए। कार्यक्रम में उपस्थित चालीस रचनाकारों को अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह,सम्मान पत्र आदि देकर अतिथि द्वय ने सम्मानित किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य वीरेन्द्र मिश्र एवं संचालन डाॅ पंकज शुक्ल ने किया। इस अवसर पर पीके शर्मा, डीके मौर्या, रामप्रताप चौरसिया, शिव कुमार, बृजेन्द्र मिश्र, प्रियंका राय, सुरेन्द्र राव सहित सैकड़ों शिक्षक, रचनाकार, समाज सेवी उपस्थित रहें।
रिपोर्ट-पंकज शुक्ल