मुश्किल दौर से गुजर रही सार्वजनिक क्षेत्र की टेलीकॉम कंपनी BSNL पर बंदी की तलवार लटक रही है। दूरसंचार ढांचागत कंपनियों ने बीएसएनएल BSNL से 1,500 करोड़ रुपये का बकाया तत्काल भुगतान करने के लिए कहा है।
दूरसंचार ढांचागत कंपनियों ने कहा कि ऐसा नहीं करने पर उसे मजबूरन BSNL की तमाम सेवाएं बंद करनी पड़ेगी। कंपनी का कहना है वो बीएसएनएल सेवाएं चालू रखने के लिए जरूरी खर्च उठाने में असमर्थ हैं।
साथ ही ढांचागत क्षेत्र की कंपनियों का कहना कि भुगतान नहीं होने के चलते देश में कई स्थानों पर पहले ही मोबाइल सेवाएं बाधित होने लगी है।
गौरतलब है कि उद्योग संगठन टॉवर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (टीएआईपीए) के तहत आठ ढांचागत कंपनियों के समूह ने गुरुवार को बीएसएनएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पी के पुरवार को पत्र लिखकर पीएसयू की सेवाओं को बनाए रखने के लिए जरूरी बिजली, डीजल, बैटरी आदि के भुगतान में समस्या के चलते बकाया राशि तत्काल चुकाने की मांग की है।
हालांकि बीएसएनएल के लिए अच्छी खबर ये है कि लॉकडाउन के दौरान हाईस्पीड ब्राडबैंड की मांग बढ़ गई है। बीएसएनएल अधिकारियों के अनुसार हाईस्पीड ब्राडबैंड की स्पीड बनी रहे, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे। जहां कहीं बीटीएस खराब हैं, उसे ठीक कराया जा रहा है। मोबाइल से बातचीत में नेटवर्क की समस्या अभी तक ज्यादातर क्षेत्रों में रहती थी जिसे धीरे-धीरे दूर किया जा रहा है।