लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किये गये बजट को कोरी लफ्फाजी बताते हुये कहा है कि बजट देश की जनता को गुमराह करने वाला है। बजट में किसानों और मजदूरों की अनदेखी की गयी है। किसानों को एक बार पुनः डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य का झुनझुना थमाया गया है। खाद और बीज जैसी वस्तुओं की सब्सिडी अथवा सस्ता करने जैसा कोई भी विकल्प नहीं मिला है।
डाॅ. अहमद ने कहा कि सौ नये सैनिक स्कूल खोलने में एनजीओ आदि के माध्यम से पीपीपी माॅडल लागू करना सैनिक स्कूल जैसी अनुशासन और उत्तम शिक्षण व्यवस्था वाली संस्थाओं को स्तरविहीन करने वाला कदम होगा क्योंकि शिक्षा व्यवस्था के आधार पर ही स्वस्थ एवं सभ्य समाज की कल्पना की जा सकती है, साथ ही प्रदेश और देश की उन्नति के लिए अच्छी शिक्षा का होना परम आवष्यक है।
उन्होंने कहा कि सरकारी बैंको और भारतीय जीवन बीमा निगम को निजीकरण के क्षेत्र में देना एक बार पुनः सरकार का पूंजीपतियों के हाथ में खेलना सिद्व करता है, साथ ही देशि के करोड़ों बीमाधारकों के विश्वास को ठेस पहुंचाने जैसा कदम प्रतीत होता है।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि देश के कर्मचारियों व्यापारियों के साथ साथ किसानों और कामगारों की चिंता का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार के बजट के टेबलेट रूपी पुलिंदे में सर दर्द की दवा की टेबलेट भी नहीं निकली। सम्पूर्ण बजट में वित्त मंत्री ने स्वयं एवं सरकार की पीठ थपथपाने का प्रयास किया है और आम जनता को लाॅलीपाप दिखाने का प्रयास किया है।