तनातनी सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच है लेकिन ‘दाग’ कालीदास मार्ग,लखनऊ स्थित बंगला नंबर सात पर भी लग रहा है। कहा जा रहा है कि बंगला नंबर 07(आवास डिप्टी सीएम) और 05(आवास मुख्यमंत्री) के बीच तनातनी कोई नयी नहीं है।
यह बंगला दो दशक से विवाद के कारण चर्चा में रहा है। वर्ष 2000 में जब बीजेपी की सरकार थी और राम प्रकाश गुप्ता मुख्यमंत्री तब वह बंगला नंबर-05 में ही रहते थे। उस समय बंगला नंबर 07 बतौर उर्जा मंत्री नरेश अग्रवाल का ठिकाना हुआ करता था। मंत्री नरेश अग्रवाल हरिद्वार गए हुए थे। इसी बीच विवाद के चलते उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया। सरकारी गाड़ी से हरिद्वार गए अग्रवाल ‘पैदल’ वापस आए।
2008 में बंगला नंबर सात में रहने के लिए बसपा नेता और मंत्री नसीमुददीन सिददीकी आए। उस समय सिददीकी बसपा में नंबर देा की हैसियत रखते थे,लेकिन आज नसीमुददीन बसपा छोड़कर कांग्रेस में अपने लिए राह तलाश रहे हैं।ऐसी ही तनानती समाजवादी सरकार में भी देखने को मिली थी। तब 05 कालीदास मार्ग बतौर सीएम अखिलेश यादव का निवास स्थान हुआ करता था और बंगला नंबर 07 में उनके चचा शिवपाल यादव रहा करते थे। उनके पास भी केशव प्रयाद मौर्य की तरह लोक निर्माण विभाग हुआ करता था।
दोनों की ही बंगला नंबर 05 में रहने वाले मुख्यमंत्री से इस लिए नहीं पटी थी क्योंकि केशव हों या फिर शिवपाल दोनों ही अपने को बतौर मुख्यमंत्री देखना चाहते थे। 2017 के विधान सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा तो इसकी प्रमुख वजह बंगला नंबर 07 और बंगाल नंबर 05 के बीच रहने वालों का विवाद ही था। वैसे पिछले दिनों बंगला नंबर-04 ने भी खूब चर्चा बटोरी थी,यह बंगला एमएलसी बने अरविंद शर्मा को आवंटित किया गया था। कहा यह गया कि बतौर मंत्री श्री शर्मा यहां रहेंगे, लेकिन शर्मा न तो मंत्री बने न बंगला मिला, अब वह डालीबाग कालोनी, लखनऊ में रहते हैं।