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दैनिक वेतनभोगियों को देने के लिए कारोबारियों के पास पैसे नहीं, हिंसा के बाद अब नकदी संकट गहराया

बांग्लादेश में कारोबारियों को अब हिंसा के बाद नकदी की कमी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वहां के केंद्रीय बैंक ने शेख हसीन के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद फैली अनिश्चितता को देखते हुए बैंकों से नकदी निकालने की सीमा 2 लाख टका तय कर दी है। इससे दैनिक वेतनभोगियों को पैसे देने के लिए कारोबारियों के पास पैसे नहीं बचे हैं। सोमवार को एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई।

बांग्लादेश बैंक ने शनिवार को नकद निकासी की सीमा को पहले घोषित 1 लाख टका से बढ़ाकर प्रति खाता 2 लाख टका (लगभग 1.42 लाख रुपये) कर दी है। केंद्रीय बैंक ने नकद निकासी की सीमा तय करने का फैसला सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए लिया था। बांग्लादेश में नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के खिलाफ हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन और पुलिस व छात्रों के बीच झड़पों के बाद पुलिस अब भी पूरी तरह से काम पर नहीं लौटी है।

अंतरिम वित्त और योजना सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने रविवार को भी कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए नकद निकासी की सीमा आवश्यक थी। डेली स्टार अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, व्यवसायों, विशेष रूप से मुख्य रूप से नकद लेनदेन करने वाले व्यवसायों की ओर से कहा जा रहा है कि अगर नकदी संकट बना रहता है और प्रतिबंध अगले सप्ताह भी जारी रहते हैं तो वे मुश्किल स्थिति में होंगे।

बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर अहमद ने कहा है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना और बैंकों में लोगों का भरोसा बहाल करना है। शनिवार को पदभार संभालने के बाद पहली बार पत्रकारों से बात करते हुए अहमद ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता केंद्रीय बैंक के कामकाज को फिर से शुरू करते हुए बैंकों में आम लोगों का भरोसा बहाल करना है।

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