राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि केन्द्र सरकार की मिलीभगत से रेलवे द्वारा इतनी अधिक मात्रा में ट्रेनों का निरस्तीकरण होना आम जनता के लिए परेशानियों के साथ साथ जन जीवन को अस्त व्यस्त करने वाला कदम है। होली जैसे विशेष त्योहार के अवसर पर सामान्य रूप से चलने वाली गाडि़यों के साथ साथ स्पेशल ट्रेनों तथा विशेष बसों की आवश्यकता होती है। लोग इन सभी साधनों द्वारा अपने अपने परिवारों के बीच में पहुंचकर त्यौहार मनाते हैं। राजधानी से बनारस, मेरठ, मथुरा, झांसी के साथ साथ दिल्ली को जाने वाली ट्रेनों के निरस्तीकरण ने जनता के होश उड़ा दिये हैं।
त्रिवेदी ने भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर करते हुये कहा कि केन्द्र सरकार देश में लगभग डेढ सौ ट्रेनो को कारापोरेट घरानों को देने का मन बना लिया है जिसकी शुरूआत तेजस ट्रेन के माध्यम से पहले ही हो चुकी है। जनता के भीतर साजिश के द्वारा सामान्य रूप से चलने वाली ट्रेनों के प्रति अविष्वसनीयता पैदा करने का कुचक्र केन्द्र सरकार रेलवे विभाग के अधिकारियों के माध्यम से रच रही है।
उन्होंने कहा कि त्योहार के समय जनजीवन से इस प्रकार की खिलवाड़ हास्यापद ही नहीं निंदनीय भी है। कुछ ट्रेने जो मेमो तथा पैसेन्जर ट्रेनों के रूप में चलती हे उनमें आम जनता के साथ साथ प्रतिदिन आवागमन करने वाले यात्री आते जाते रहते हैं। लगातार डेढ़ डेढ़ महीने के लिए उन ट्रेनों का निरस्त किया जाना निष्चित रूप से साजिश के घेरे में ला देता है।
प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार निष्चित रूप से पूंजीपतियों और कारपोरेट घरानों के हित को साधने का काम करती चली आ रही है। निष्चित है कि पूर्ण बहुमत की सरकार के जनविरोधी कामों पर कोई लगाम विपक्ष नहीं लगा पायेगा। देश की जनता मंहगाई, बेरोजगारी, बदहाल कानून व्यवस्था से पहले ही त्राहि ही कर रही है ऐसी दशा में साजिश और खिलवाड़ करना तथा जन जीवन को प्रभावित करना न्यायसंगत नहीं प्रतीत होता। देश की जनता सरकार के ऐसे क्रियाकलापों की भारी भरकम सूची तैयार कर रही है जिसका जवाब समय आने पर प्रदेश और केन्द्र सरकार को मय ब्याज के मिलेगा।