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सीबीडीटी ने जारी किये नये दिशानिर्देश, टैक्स पेयर्स को ये होगा फायदा

आयकर विभाग ने कहा है कि भारतीय अधिकारी सीमापार टैक्स विवाद के ऐसे मामलों में वैधानिक अपीलीय निकाय आईटीएटी के समाधान आदेशों से अलग किए जाएंगे, जहां आपसी सहमति की प्रक्रिया के जरिए समाधान की प्रक्रिया साथ-साथ चल रही है.

मैप एक वैकल्पिक विवाद समाधान प्रक्रिया है, जिसके तहत दो देशों के सक्षम अधिकारी टैक्स संबंधी विवादों को सुलझाने के लिए विचार-विमर्श करते हैं. मैप के तहत एक अप्रैल 2014 से 31 दिसंबर 2018 के बीच 600 से अधिक कर विवादों का समाधान किया गया है.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने मैप पर एक दिशानिर्देश जारी किया है, जो उन मामलों या स्थितियों को भी स्पष्ट करता है, जिनमें भारत में मैप अपनाने की छूट होगी. दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि मैप को ऐसी स्थिति में भी अपनाने की छूट होगी जहां भारतीय कर अधिकारी घरेलू दुरुपयोग रोधी प्रावधानों को लागू करते हैं.

ट्रांसफर प्राइसिंग पर निर्णय, स्थायी प्रतिष्ठान के निर्धारण, स्थायी प्रतिष्ठानों को होने वाले लाभ के निर्धारण, खर्चों के वर्गीकरण के उन मामलों के समाधान के लिए भी मैप का रास्ता चुनने की छूट दी जा सकती है, जिनमें कराधान दोहरे कराधान से बचाव की संधियों के प्रावधनों के अनुकल नहीं लगता है.

सीबीडीटी ने कहा है कि भारत के सक्षम प्राधिकर अवधि विशेष से संबंधित विवाद में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के विधिवत गुण दोष के आधार पर किये गए निर्णय से अलग नहीं जाएंगे.

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