पं० आत्मा राम पाण्डेय ने बताया कि होलिका दहन हमेशा फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में भद्रा रहित मुहूर्त में किया जाना चाहिए। अगर प्रदोष काल में भद्रा है, तो भद्रा समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन करना चाहिए। भद्रा को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना गया है। इस दौरान शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है।
होलिका दहन 2022 शुभ मुहूर्त- फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को दोपहर 01 बजकर 01 मिनट से प्रारंभ होगी, जिसका समापन 18 मार्च को दोपहर 12 बजकर 51 मिनट पर होगा। भद्रा प्रारंभ 17 मार्च को दोपहर 01 बजकर 01 मिनट से और समापन 17 मार्च को देर रात 12 बजकर 56 मिनट पर होगा। अत: होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 17 मार्च को रात 12 बजकर 56 मिनट के बाद से है।
भद्रा पूंछ और मुख दोनों ही अशुभ- भद्रा की पूंछ में होलिका दहन किया जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। भद्रा का समय अशुभ और अमंगलकारी माना गया है।
होलिका दहन हर साल फाल्गुन पूर्णिमा की रात में किया जाता है. उसके अगले दिन प्रतिपदा को सुबह रंगवाली होली खेलते हैं लेकिन इस बार होली 1 दिन बाद खेली जाएगी 18 मार्च को दिन में 12:51 पर प्रतिपदा तिथि लग रही है जो 19 मार्च को 12:12 तक रहेगा इसलिए 19 मार्च को होली खेली जाएगी।
इस बार होलिका दहन के बाद वृद्धि योग एवं यायिज्य योग मिल रहा है जिसमें होली खेलना बहुत ही शुभ माना जाता है।
फाल्गुन पूर्णिमा की रात होलिका भक्त प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर चिता पर बैठ गई, होलिका ने वह चादर ओढ़ लिया, ताकि आग लगाई जाए तो वह बच जाए और प्रह्लाद जलकर मर जाएं. चिता में आग लगाई गई, तब भगवान विष्णु की कृपा से उस चादर से प्रह्लाद सुरक्षित हो गए और होलिका जलकर मर गई.
असत्य पर सत्य का विजय हुआ।
होलिका दहन से जुड़े उपाय
1. आपको नई नौकरी चाहिए या फिर आप बेरोजगार हैं और नौकरी की तलाश में हैं, तो आपको होलिका दहन के समय आग में उड़द की दाल के 5 दाने डालें. उसके बाद किसी गरीब या जरुरतमंद व्यक्ति को जूता और छाता दान करें. जल्द ही आपकी समस्या का समाधान हो सकता है।
2. जिन लोगों के विवाह में किसी प्रकार की देरी हो रही है, तो होलिका दहन के समय सुपारी, नारियल, काला तिल और उड़द दाल लेकर कन्या या पुत्र के सिर पर 7 बार घुमाएं. फिर उसे आग में डाल दें. आपको जल्द ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकता है.
3. यदि आपकी कुंडली में कोई ग्रह दोष है या किसी ग्रह की पीड़ा से त्रस्त हैं, तो होलिका दहन की भस्म को शिव पूजा के समय शिवलिंग पर अर्पित करें. भगवान शिव आपकी पीड़ा को दूर करेंगे.
4. यदि आप बिजनेस में तरक्की करना चाहते हैं या करियर में कोई नया मुकाम हासिल करना चाहते हैं, तो होलिका दहन को शाम के समय घर के मुख्यद्वार पर लाल या गुलाबी गुलाल से रंगोली बना लें. उस पर दो मुखी दीपक जलाएं.
5. परिवार के सुख और समृद्धि के लिए होलिका दहन के समय माथे पर हल्दी का तिलक लगाएं. उसके बाद होलिका की 7 बार परिक्रमा करें.
6. कहा जाता है कि बच्चों को सबसे जल्दी नजर लगता है. ऐसे में होलिका दहन के भस्म को लेकर बच्चे के सिर से 7 बार घुमाएं, फिर उसे मिट्टी में दबा दें. ऐसे करने से बच्चे से नकारात्मक दूर हो सकती है.
7. गृह क्लेश करे दूर करने के लिए भी होलिका दहन के भस्म का उपयोग होता है. इसे एक कपड़े में बांधकर घर के कोनों में रख दें।
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