चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि सफलता दिलाने में अनुशासन और परिश्रम का विशेष महत्व होता है. जो व्यक्ति इन बातों को आत्मसात कर लेता है. इन्हें अपने जीवन में उतार लेता है, उसके लिए कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता है.
गीता के उपदेश में भी व्यक्ति को प्रत्येक कार्य को समय पर करने और सफलता के लिए परिश्रम करने के लिए बताया गया है. जो इन बातों को हमेशा ध्यान में रखते हैं वे जीवन में निरंतर प्रगति करते हैं. ऐसे लोगों को लक्ष्मी जी का भी आर्शीवाद प्राप्त होता है. लक्ष्मी जी परिश्रम करने वालों से प्रसन्न रहती हैं.
जीवन में सफल होना है तो कठोर अनुशासन का पालन करें
चाणक्य के अनुसार जीवन में यदि कुछ बड़ा हासिल करना है और लोग आपका अनुशरण करें तो इसके लिए कठोर परिश्रम करना चाहिए. जो लोग कठोर परिश्रम करने से नहीं घबराते हैं, ऐसे लोग जीवन में बहुत सफलता प्राप्त करते हैं.
अनुशासन से कर्तव्य की भावना जागृत होती है
अनुशासन का पालन करने वाला व्यक्ति आलस से दूर रहता है. ऐसे व्यक्तियों के लिए प्रत्येक पल कीमती होती है. जो व्यक्ति समय की कीमत को जानता है उसे जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती है. अनुशासित जीवन शैली व्यक्ति श्रेष्ठ भी बनाती है.
परिश्रम करने से आत्मविश्वास आता है
परिश्रम करने वाला व्यक्ति अपने कार्यों को लेकर गंभीर रहता है और एक विशेष प्रकार का आत्मविश्वास ऐसे लोगों में दिखाई देता है. परिश्रम करने वालों के लिए कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता है. ऐसे लोग देर सबेर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर ही लेते हैं. परिश्रम करने वाले व्यक्ति सभी के प्रिय होते हैं. ऐसे लोग अपने परिश्रम से जीवन में उच्च कोटि की सफलता प्राप्त करते हैं. परिश्रम करने वाले लोग सिर्फ अपने लक्ष्य पर ध्यान देते हैं.