Breaking News

चांद पर तिरंगा लहराने निकला चंद्रयान-3, लॉन्चिंग के दौरान गूंजती रहीं तालियां, जानने के लिए पढ़े पूरी खबर

अंतरिक्ष की दुनिया में भारत बड़ी सफलता की ओर बढ़ चला है। चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग के लिए चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन की लॉन्चिंग हो गई है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित इसरो के सेंटर से यह लॉन्चिंग की गई है।

एक और अनोखी उड़ान, क्या होगा भारत का चाँद!

दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान को चांद के सफर पर रवाना किया गया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के दौरान देर तक तालियां गूंजती रहीं।

चांद पर तिरंगा लहराने निकला चंद्रयान-3

स्पेस एजेंसी इसरो के मुताबिक ‘चंद्रयान-3’ कार्यक्रम के तहत इसरो अपने चंद्र मॉड्यूल की मदद से चंद्र सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ और चंद्र भूभाग पर रोवर की चहलकदमी का प्रदर्शन करके नई सीमाएं पार करने जा रहा है। एलवीएम3एम4 रॉकेट शुक्रवार को इसरो के महत्वाकांक्षी ‘चंद्रयान-3’ को पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चंद्रमा की यात्रा पर ले जाएगा। इस रॉकेट को पूर्व में जीएसएलवीएमके3 कहा जाता था। भारी उपकरण ले जाने की इसकी क्षमता के कारण अंतरिक्ष वैज्ञानिक इसे ‘फैट बॉय’ भी कहते हैं।

‘साइलेंट विलेज’ के नाम सेजानी जाती है दिव्यांगों की बस्ती

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग भीमकाय रॉकेट LVM-3 के जरिए की गई है। इसके जरिए ही पहले भी कई लॉन्च किए गए हैं। चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग भी इसी के जरिए हुई थी। इसे इसरो की तरफ से तैयार सबसे ताकतवर रॉकेट के तौर पर जाना जाता है। इसे बाहुबली रॉकेट भी कहा जाता है और इसकी वजह इसका आकार और ताकत ही है। पहले इसी रॉकेट को GSLV-Mk3 के नाम से जाना जाता था। यह रॉकेट कंबसशन साइकिल के जरिए चलता है। इस रॉकेट में CE-20 इंजन लगाया गया है, जो भारत मे ही तैयार किया गया है। इसका कुल वजन 642 टन के करीब है और 43.5 मीटर ऊंचाई है।

चंद्रयान-3 के विक्रम के लेग्स को काफी मजबूत बनाया गया है। वह पहले की तुलना में अधिक वेग से उतरने में कामयाब हो सकेंगे। इसके अलावा, लैंडर में भी कई सुधार किए गए हैं। इसरो के चीफ सोमनाथ ने बताया है कि लैंडिंग वेग को 2 मीटर/सेकंड से बढ़ाकर 3मीटर/सेकंड कर दिया गया है।

लखनऊ की बेटी को मिली चंद्रयान-3 की कमान

इसका अर्थ यह हुआ कि 3मी/सेकंड की स्पीड पर भी लैंडर दुर्घटनाग्रस्त नहीं होगा या इसके लैग्स नहीं टूटेंगे। इसके अलावा, इसके इंजन और सॉफ्टवेयर पर भी काम किया गया है। सेंट्रल या पांचवें इंजन को हटा दिया गया है, जिसे चंद्रयान 2 के दौरान आखिरी समय में जोड़ा गया था।

About News Room lko

Check Also

अयोध्या के सिद्ध पीठ हनुमत निवास में चल रहा है संगीतमयी श्री राम चरित मानस पाठ

अयोध्या। सिद्ध पीठ हनुमत निवास में भगवान श्रीराम और हनुमान के पूजन के साथ राम ...