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लखनऊ की बेटी को मिली चंद्रयान-3 की कमान

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद (इसरो) ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग की तैयारियों को पूरा कर लिया है। मिली जानकारी के मुताबिक चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को दोपहर 2.35 बजे चांद की ओर रवाना किया जा रहा है। चंद्रयान-3 की लैंडिंग चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कराई जाएगी, जहां अभी तक दुनिया के किसी भी देश ने दस्तक नहीं दी है। इसमें सबसे खास बात ये है कि चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की जिम्मेदारी इस बार एक महिला खगोल वैज्ञानिक को सौंपी गई है। इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि इसकी टेस्टिंग भी पूरी कर ली गई है। इस मिशन में कुल 29 डिप्टी डायरेक्टर और 55 प्रोजेक्ट मैनेजर दिन-रात काम में लगे हुए हैं।

इसरो से प्राप्त जानकारी के अनुसार चंद्रयान-3 की लैंडिंग की जिम्मेदारी इस बार एक महिला वैज्ञानिक ऋतू करिधाल को सौंपी गई है। रितु करिधाल चंद्रयान-3 की मिशन डायरेक्टर हैं और प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरा मुथुवेल हैं।

लखनऊ की बेटी को मिली चंद्रयान-3 की कमान

रितु करिधाल मंगलयान की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर और चंद्रयान-2 में मिशन डायरेक्टर रह चुकी हैं। रितु करिधाल को देश की ‘रॉकेट वुमन’ के नाम से भी पहचाना जाता है।

लखनऊ की बेटी है रितु करिधाल

डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर रितु करिधाल मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के सेंट एग्नीस स्कूल और नव युग कन्या महाविद्यालय से हुई और लखनऊ विश्वविद्यालय से भौतिकी में MSC करने के बाद रितु एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक करने के लिए भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु चली गई थी। एमटेक करने के बाद रितु ने PHD करना शुरू कर दिया था लेकिन इसरो में नौकरी के लिए उन्होंने अपनी PHD छोड़ दी। साल 2007 में रितु को इसरो यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड भी मिल चुका है।

Lucknow's daughter gets command of Chandrayaan-3

45 से 50 दिन बाद चांद पर पहुंचेगा यान

आज 14 जुलाई को लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-3 करीब 45 दिन का समय अंतरिक्ष में गुजारेगा, जो LVM-3 रॉकेट से अंतरिक्ष में सफर करेगा। खास बात ये है कि चंद्रयान-3 में इस बार ऑर्बिटर नहीं भेजा जा रहा है। चंद्रयान-3 के साथ इस बार देश में तैयार किए गए प्रोपल्शन मॉड्यूल भेजे जा रहे हैं, जो लैंडर और रोवर को चंद्रमा की कक्षा तक लेकर जाएगा। चंद्रयान-3 अपने साथ कुल वजन 2145.01 किलोग्राम वजन लेकर जा रहा है, जिसमें 1696.39 किलोग्राम फ्यूल है।

चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन जाएगा भारत

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो (ISRO) आज यानि 14 जुलाई को चंद्रयान 3 लॉन्च कर रहा है। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के साथ ही भारत चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा।

लखनऊ की बेटी को मिली चंद्रयान-3 की कमान

ISRO के अध्यक्ष एस सोमनाथ के अनुसार चंद्रयान 3 के 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है। बताते चलें कि इससे पहले 22 जुलाई 2019 को चंद्रयान 2 लॉन्च किया गया था। मगर जब यह चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर दूर था तभी इसका ISRO से संपर्क टूट गया था। इसके बाद से ही भारत चंद्रयान 3 मिशन की तैयारी कर रहा है। (Source: @isro.in/instagram)

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आपकी जानकारी के लिए बता दें, इस बार का यह मिशन दिग्गज वैज्ञानिक डॉ रितु कारिधाल श्रीवास्तव के हाथों में है। इस बार ISRO ने उन्हें चंद्रयान 3 मिशन का डायरेक्टर बनाया है। इससे पहले उन्‍होंने मंगलयान मिशन में डिप्टी ऑपरेशनल डायरेक्टर का पद संभाला था। रितु चंद्रयान-2 समेत कई बड़े अंतरिक्ष मिशनों का भी हिस्सा रह चुकी हैं।

चांद के घटते बढ़ते आकार को लेकर मन में होता था सवाल

रितु उन वैज्ञानिकों में शुमार हैं जिन्होंने इसरो का युवा वैज्ञानिक पुरस्कार जीता था। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की रहने वाली ‘भारत की रॉकेट वुमन’ रितु कारिधाल श्रीवास्तव ने TED इवेंट में एक बार शाहरुख खान को बताया था कि कैसे बचपन से ही उनके मन में चांद के आकार को लेकर सवाल उठते थे। रितु ने बताया कि चांद का साइज बड़ा-छोटा होता देख कर वो हैरान होती थीं। बचपन में ही वो NASA और ISRO के प्रोजेक्ट्स के बारे में पढ़ा करती थीं। उनके पास स्पेस साइंस पर छपी खबरों की कटिंग्स आज भी मौजूद हैं। (Source: Ritu Karidhal/Facebook)

लखनऊ की बेटी को मिली चंद्रयान-3 की कमान

अंतरिक्ष के रहस्यों की जानकारी प्राप्त करने की इच्छा उन्हें ISRO तक खींच लाई और इस तरह से वो साइंटिस्ट बन गईं। बता दें, रितु ने लखनऊ में सेंट एगनिस स्कूल और नवयुग कन्या विद्यालय से अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी की है।

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इसके बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी से फिजिक्स से ग्रैजुएशन और फिर पीजी किया। इसके बाद रितु ने GATE पास करके बेंगलुरु में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज में एडमिशन लिया वहां उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। वहीं, साल 1997 में वह ISRO से जुड़ गईं। उन्हें साल 2007 मे तत्कालीन राष्ट्रपति और मिसाइल मैन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों ‘यंग साइंटिस्ट’ अवॉर्ड मिल चुका है।

लखनऊ की बेटी को मिली चंद्रयान-3 की कमान

रितु के पर्सनल लाइफ की बात करें तो वो ISRO की साइंटिस्ट होने के साथ-साथ दो बच्चों की मां हैं। उनके बच्चों का नाम आदित्य और अनीषा है। उनके पति का नाम अविनाश श्रीवास्तव है।

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