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चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…ई बखत कोरोउना ते ज्यादा कोहराम बहिया मचाए हय!

आज चतुरी चाचा बहुत खुश थे। वह मुंशीजी व कासिम चचा से झलने में पड़े थे। चतुरी चाचा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 74वें स्वाधीनता दिवस पर दिए गए भाषण की तारीफ कर रहे थे। प्रपंच चबूतरे पर आज सैनिटाइजर, मॉस्क के साथ एक डलवा भी रखा था। वह डलवा लाल कपड़े से ढका था। मैंने सबको यथोचित अभिवादन करने के बाद अपनी कुर्सी संभाल ली।

मैंने चतुरी चाचा से पूछा- इस डलवा (टोकरी) में क्या झांप रखा है? चतुरी चाचा बोले- अरे! तुम पँच तौ काल्हि झण्डारोहण मा मिठाई खाए रहव। गांव वालेन ख़ातिन आजु फिरि ते 15 किलो लड्डू मंगाए हन। हियां ते जो निकरी, उहिका दुई-दुई लड्डू द्याब। उसी समय बड़को बुआ व नदियारा भउजी निकल पड़ी। वह सास-बहू अपने खेतों से वापस आयी थीं। चतुरी चाचा ने दोनों को 10-10 लड्डू देकर कहा- जाव घर भर आजादी केर लड्डू खाव।
कासिम चचा प्रपंच को आगे बढ़ाते हुए बोले- चतुरी भाई, आजकल पूरी पंचायत में आपके प्रधानी लड़ने की चर्चा जोर पकड़े है।

मुझसे कल चकपुरवा में कई लोगों ने आपके बारे में पूछा था। सबका कहना था कि चतुरी चाचा साल भर से गांव वालों की बड़ी सेवा कर रहे हैं। कोरोना महामारी में सबकी बड़ी मदद कर रहे हैं। वह अपने प्रपंच चबूतरे पर मॉस्क व सैनिटाइजर लेकर बैठते हैं। गलियारे से निकलने वाले लोगों को मॉस्क और सैनिटाइजर वितरित करते हैं। सभी मजरों में गरीब परिवारों को राशन भी भेजा था। यह सब प्रधान बनने के लिए ही कर रहे हैं। वह पहले तो किसी को चाय तक नहीं पिलाते थे।


कासिम चचा अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाए थे कि चतुरी चाचा फट पड़े। चतुरी चाचा गुस्से में बोले- गांव वालेन का बताई? इन लोगन केरी कटी अंगुरिप मुतय वाला नाई हय। मास्टर, तुमका हमरे बारे मा सब मालुम हय। हुवाँ तुरतय कहेक रहय कि चतुरी प्रधानी कौनिव कीमत पय न लड़िहैँ। तभी ककुवा व बड़के दद्दा भी आ गए। ककुवा बोले- का हो चतुरी भाई? आजु बड़ी अवधी झार रहेव हौ। कासिम ठीकय कहत हयँ। अपनेव गाँव मा तुमरे प्रधानी लड़य वाली बातें होय रहीं। चतुरी चाचा बोले- तुम औरु आगिम घी डारि रहे हौ।

इसी बीच चंदू बिटिया गुनगुना नींबू पानी व गिलोय का काढ़ा लेकर आ गयी। काढ़े के साथ बतकही आगे बढ़ी। बड़के दद्दा बोले- आप लोग बिना मतलब की बातें लेकर बैठ गए हैं। पंचायत चुनाव का अभी अतापता तक नहीं है। कोरोना महामारी बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में पंचायत चुनाव समय पर होना मुश्किल है। हम लोगों को चर्चा तो कोरोना और बाढ़ पर करनी चाहिए। चतुरी चाचा बोले- पंचायत चुनाव चाहे जब हों। मुझे प्रधानी नहीं लड़नी है। यह बात बड़ी साफ है।

हमने कहा- यह बात सही है कि इस समय कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। दुनिया भर में अबतक दो करोड़ से अधिक लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। वहीं, सात लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। भारत में अबतक करीब 26 लाख लोगों को कोरोना हो चुका है। वहीं, करीब पांच हजार लोग बेमौत मारे जा चुके हैं। हालांकि, अपने देश में 19 लाख लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। इस समय महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में कोरोना का कहर जारी है। यूपी में अभी तक करीब डेढ़ लाख मरीज मिल चुके हैं। वहीं, दो हजार से अधिक कोरोना मरीज काल कलवित हो चुके हैं।

ककुवा बोले- ई बखत कोरोउना ते ज्यादा कोहराम बहिया मचाए हय। आजु सबेरे टीवी मा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, दिल्ली, गुजरात व असम केर बूड़ा द्यखावत रहे। सड़कन पय नाव चलि रहीं। घर-दुवार गिरि रहे। मनई अउ हरहा मरि रहे। नेता गण तौ बसि चौपड़ मा बैठि कय बाढ़ निहार रहे। गांवन मा पानी ते फसलें मिट्टी मा मिलि गईं। वइसी शहरन मा सब पानी-पानी हय। कोरोउना, बाढ़, आसमानी बिजुली, समुदरी तूफान, अग्निकांड, दुर्घटनाएं अउ पड़ोसी देशन मा तनातनी देखि कय बड़ा डर लागत हय। बसि, भइय्या कौनिव तना 2021 आय जाय। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को एक बार फिर चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे की बतकही लेकर हाजिर रहूँगा। आप सबको गणेश चतुर्थी की अनन्त बधाई! तबतक के लिए पँचव राम-राम!

नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान

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