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चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…किसान आंदोलन ते भाजपा का कतना नुकसान होई!

नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान
नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान

मैं आज जब प्रपंच चबूतरे पर पहुंचा। तब चतुरी चाचा चबूतरे के पास बेल का पौधा रोप रहे थे। बड़के दद्दा और ककुवा बेल लगाने में मदद कर रहे थे। चाचा पौधे में पानी डालते हुए बोले- रिपोर्टर, कुछ दिनन बादि बेलपत्र अउ बेल दुआरेन मिली। अपने मोहल्ले मा एकव बेल कय बिरवा नाय बचे। बेलपत्र ख़ातिन पच्छे टोला जाय का परत हय। तबहिन बेल क्यार पौधा लागव सोचा। अब भोलेनाथ का खूब बेलपत्र चढ़ावा जाई। गरमी मा बेल केरा शरबत पीया जाई।

इसी दौरान चकहार से कासिम चचा और मुन्शीजी आ गए। चतुरी चाचा ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा- अबकिला बरसात मा पौधरोपण अभियान चलावा जाय। गांव केरे भीतर अउ बाहर तमाम जमीन खाली परी हय। गांव भर मिलिके फल, फूल अउ छायादार पौधा रोपा जाय। ककुवा बोले- यह बात तौ बड़ी नीकि हय। मुला, ई छुट्टा हरहन ते बिरवा बचाई को? पिछले साल हम अपने हाता मा 20 बिरवा लगावा रहय। सब छुट्टा जानवर चरि डारिन। बड़ी मुश्किल ते तीन आम केर पौधा बचे हयँ। मुन्शीजी ने युक्ति सुझाई- गांव का प्रत्येक परिवार पौधा रोपे। वही परिवार अपने पौधों को खाद-पानी दे और उनकी सुरक्षा करे। साथ ही, छुट्टा जानवरों को पकड़ कर गांव से दूर छोड़ा जाए। इससे सारे पौधे बच जाएंगे। निकट भविष्य में अपना गांव खूब हराभरा हो जाएगा। हम सबने इस पर हामी भर दी।

चतुरी चाचा

कासिम चचा ने विषय परिवर्तन करते हुए कहा- मोदी सरकार जाने क्यों किसान आंदोलन खत्म नहीं करवा रही है? तीन महीने बीत गए। हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर बैठा है। पूरे देश में आंदोलन का असर है। लेकिन, केंद्र सरकार राजहठ से पीड़ित है। किसानों की नाराजगी भाजपा को मंहगी पड़ने वाली है। यूपी के पँचायत चुनाव और पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज गई है। इन चुनावों में किसान भाजपा को सबक सिखाएंगे। भाजपा को चाहिए कि किसानों की नाराजगी समय रहते दूर कर दे। इस पर बड़के दद्दा भड़क गए। वह बोले- चचा, आपको सरकार की राजहठ ही दिख रही है। किसान आंदोलन के नाम पर जो हो रहा है, वो नहीं दिखाई दे रहा है। आपको विपक्षी दलों की साज़िश और आंदोलन कर तथाकथित किसानों की हठधर्मिता जरूर देखनी चाहिए। केंद्र सरकार 11-12 बार वार्ता कर चुकी है। किसान संगठनों को अनेक प्रकार के प्रस्ताव भी दे चुकी है। मोदी सरकार तीनों कृषि कानूनों को लेकर आज भी दिल खोलकर बात करने को तैयार है।

इसी पर ककुवा बोले- किसान आंदोलन ते भाजपा का कतना नुकसान होई? युहु तौ चुनाव केरे बादिन मालूम होई। मुला, पेट्रोल, डीजल अउ गैस केरी मंहगाई ते भाजपा कय बड़ी किरकिरी होय रही हय। ईंधन महंगा होय ते तमाम चीजें महंगी होत चली जाय रहीं। लोगन मा नाराजगी बढ़ि रही हय। इहते चुनाव मा भाजपा क्यार नुकसान होय सकत हय। चतुरी चाचा ने कहा- पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमत अब केंद्र सरकार के हाथ में नहीं है। पेट्रोलियम कम्पनियों को मूल्य तय करने का पूरा अधिकार है। हाँ, केंद्र सरकार और राज्य सरकारें अपना टैक्स घटाकर ईंधन के दाम कम कर सकती हैं। यह काम न केंद्र सरकार कर रही है, न ही राज्य सरकारें कर रही हैं। क्योंकि, पेट्रोलियम पदार्थों पर मिलने वाले टैक्स से सरकार के काम चल रहे हैं।

चतुरी चाचा

मुन्शीजी ने कहा- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बार बजट में हर किसी का ख्याल रखा है। बड़ा लोक लुभावन बजट आया है। किसानों, महिलाओं और विद्यार्थियों के लिए कई बड़ी कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की गई है। उधर, केंद्र सरकार कोरोना टीकाकरण को लेकर एक कदम और आगे बढ़ गयी है। कोरोना योद्धाओं को मुफ्त टीका लगाया जा चुका है। अब बुजुर्गों को भी निःशुल्क कोरोना टीका लगने जा रहा है। इसमें किसी गम्भीर बीमारी से पीड़ित 45 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को भी शामिल किया गया है। एक मार्च से दूसरे चरण का टीकाकरण अभियान शुरू होगा। आसन्न चुनावों में भाजपा इसका लाभ अवश्य लेगी।

चतुरी चाचा ने बताया- यूपी में अब सिर्फ पँचायत चुनाव की चर्चा है। आगामी 30 अप्रैल तक ग्राम प्रधान, ग्राम पँचायत, क्षेत्र पँचायत एवं जिला पँचायत सदस्य चुन लिए जाएंगे। उसके बाद क्षेत्र पँचायत व जिला पँचायत के अध्यक्ष का चुनाव होगा। खबरों के मुताबिक पँचायत के चार पदों के लिए 23 अप्रैल तक मतदान हो जाएगा। जबकि 27-28 अप्रैल को मतगणना हो सकती है। यह सब बच्चों की बोर्ड परीक्षा के पहले निबट जाना है। त्रिस्तरीय पँचायत में पदों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। गांवों में अब देश-विदेश की नहीं, बल्कि गांव की राजनीति पर बातें हो रही हैं। सम्भावित उम्मीदवारों की धमाचौकड़ी चल रही है। पंच, प्रधान, बीडीसी, डीडीसी बनने की लालसा रखने वाले लोग ग्रामीणों की सेवा करने में जुट गए हैं। गांवों में जगह-जगह बकरा, मुर्गा कटने लगे हैं। शराब की बोतलों के ढक्कन खुल रहे हैं।

अंत में सबने मुझसे कोरोना अपडेट देने को कहा। हमने सबको बताया- भारत सहित विश्व के अनेक देशों में कोरोना वैक्सीन बड़ी तेजी से लगाई जा रही है। विश्व में अबतक 11 करोड़, साढ़े 30 लाख लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। इसमें 25 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना निगल चुका है। भारत में अबतक एक करोड़ 10 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। यहाँ भी मौत का आंकड़ा डेढ़ लाख को पार करने वाला है। भारत विश्व में कोरोना संक्रमण को लेकर पांचवें नम्बर पर है। हिन्दुस्तान में एक बार फिर कोरोना संक्रमण बढ़ गया है। सबसे बुरी स्थिति इस बार भी महाराष्ट्र की ही है। इस समय महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु व पंजाब आदि राज्यों में कोरोना तेजी से फैल रहा है। महाराष्ट्र के कई शहरों में लॉकडाउन/कर्फ़्यू लगा है। हमें कोरोना को लेकर जरा भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। हमें मॉस्क, दो गज की दूरी और साबुन से हाथ धोने का नियम मानना चाहिए। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को एक बार फिर चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही लेकर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!

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