Breaking News

चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…भाजपा को घेरने के लिए विपक्षी हलकान हैं

 नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान

चतुरी चाचा ने कोरोना की तीसरी लहर की चर्चा करते हुए कहा- कुछु दिन सुकून रहा। अब फिरि कोरोना भेष बदलि क आय गवा। पता नाइ रामजी का करइयां हयँ। दुई साल ते सगरा संसार कोरउना झेलि रहा हय। केतना मनई बैमौत मरि गवा। बेकारी अउ महंगाई अलग ते बढ़ि रही। अबसिला ओमिक्रोन नाव केरा कोरउना आवा हय। कोरउना क्यार यहू नवा कीरा कयू द्यासन म तांडव मचाय हय। भारतव म नैके कोरउना क मरीज रोज निकरि रहे। दक्खिन भारत म शुरुआतय ते कोरउना आफत काटे हय। उत्तर भारत म कोरउना महाब्याद्धि फिरि ते सिर उठाय रही हय। हम पँचन का बहुतै सतर्क रहय का परी। अपन सब जनै कय भलाई यहिमा हय कि हम सभे भीर ते दुरिन रही। मुंह पय मुस्सिका कसे रही। समय-समय प हाथ धोवत रही।

चतुरी चाचा अपने चबूतरे पर बड़ी गम्भीर मुद्रा में बैठे थे। आज काफी दिनों बाद चबूतरे पर मास्क और सेनिटाइजर की शीशी रखी थी। हाथ-पैर धोने के लिए पुरई ने बाल्टी भर पानी, लोटा व साबुन भी रखा था। मुंशीजी, कासिम चचा, बड़के दद्दा व ककुवा आपस में चोंच लड़ा रहे थे।

सुबह मौसम काफी अच्छा था। गांव के बच्चे ‘नींबू छू-निम्बूआ की डार छू’ खेल रहे थे। मेरे पहुंचते ही चतुरी चाचा ने प्रपंच शुरू कर दिया। चाचा का कहना था कि कोरोना का ओमिक्रोन नामक नया वैरियंट बड़ा खतरनाक है। इससे बचने के लिए बड़ी सावधानी बरतनी होगी। पूरी दुनिया कोरोना के नए वैरियंट से भयभीत है। कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इससे सावधान रहने की जरूरत है।

ककुवा ने चतुरी चाचा की चिंता को जायज ठहराते हुए कहा- याक बात गौर करय वाली यह हय कि कोरउना ससुर हर दांय शादी-ब्याह अउ त्योहार केरे सीजनम आवत हय। मनई क जीवन क्यार रस नाइ ले देत हय। दुई साल बादि नेवता खाय मिलय लागि रहयं। मुला, फिरि कोरउना आवय वाला हय। नेवता-हकारी फिरि बन्द होय जाई। दूसर बाति जहां चुनाव होत हय। हुवाँ कौनव कोरउना क्यार परहेज नाइ कीन जात हय। भरे कोरउना म चुनाव केरी रैली होती हयँ। न कहूँ मास्क, न कहूँ दुई गज केरी दूरी रखी जात हय। अबहैं द्याखेव पांच राज्यन म विधानसभा चुनाव होय का हय। इहिमा कोरउना दरकिनार कय दीन जाई। बच्चन क्यार टीका अबहीं तलक नाइ आवा। आखिर लरिका-बिटिया कोरउना ते सुरक्षित कैसन होइहैं?
इसी बीच चंदू बिटिया प्रपंचियों के लिए जलपान लेकर आ गई। आज जलपान में प्याज के नर्रे की पकौड़ियाँ और तुलसी-अदरक की कड़क चाय थी। चाय-पकौड़ी के साथ बतकही आगे बढ़ी।

बड़के दद्दा ने यूपी के विधानसभा चुनाव की चर्चा करते हुए कहा- भाजपा को घेरने के लिए विपक्षी हलकान हैं। अखिलेश यादव ने सुखदेव राजभर व जयंत चौधरी से गठबंधन कर लिया है। वह अपने शिवपाल चाचा पर भी डोरे डाल रहे हैं। दूसरी तरफ केजरीवाल की आप को साथ लेने की फिराक में हैं। लेकिन, भाजपा ने उनके ताजा बयानों और पिछले कार्यकाल के जातिवादी, साम्प्रदायिक कार्यों को ढाल बना लिया है। इससे सपा मुखिया असहज हैं। कांग्रेस की प्रिंयका गाँधी प्रदेश का तूफानी दौर कर रही हैं। वह जनता पर प्रलोभन की पुड़िया फेंक रही हैं। राहुल गांधी अभी किसान आंदोलन पर ही अटके हैं। जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर किसान आंदोलन की हवा निकाल दी है। मायावती बसपा की खोई हुई जमीन तलाशने में जुटी हैं। वह आज भी अपने पुराने सोशल इंजीनियरिंग वाले फार्मूले के सहारे हैं। कुलमिलाकर योगी आदित्यनाथ इस चुनावी घुड़दौड़ में सबसे आगे दिख रहे हैं।

इस पर कासिम चचा बोले- बड़के किस चश्मे से यूपी की चुनावी तस्वीर देख रहे हो। भाजपा की पश्चिमी यूपी में हालत पतली है। तभी भाजपा पूर्वांचल व बुंदेलखंड में पसीना बहा रही है। भाजपा यूपी के किसानों की नाराजगी से भी भयभीत है। विधानसभा चुनाव के कारण ही प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लिया है। इसके बावजूद किसान सपा की तरफ जा रहा है। अखिलेश यादव ने आरएलडी से मिलकर पश्चिमी यूपी को मजबूत कर लिया है। पूर्वांचल और बुंदेलखंड में भी सपा को भारी जनसमर्थन मिल रहा है। अखिलेश की रथयात्रा में जनसैलाब उमड़ रहा है। सच यह है कि लोगों का भाजपा से मोह भंग हो चुका है। बेरोजगारी, महंगाई व अपराध के बढ़ते ग्राफ ने भाजपा के विजय रथ को रोक दिया है। हालांकि, मोदीजी ने योगी को दोबारा सीएम बनाने का बीड़ा उठा लिया है। चलो, भइया नउवा क बार आगेन हयँ।

मुंशीजी ने कहा- हम लोगों को राजनीति के चक्कर में ज्यादा नहीं पड़ना चाहिए। हम सब अपना कार्य पूरी ईमानदारी और परिश्रम से करते रहें। हम लोग ग्रामसभा, विधानसभा व लोकसभा सहित हर चुनाव में अच्छे उम्मीदवार का चुनाव करें। हमें उम्मीदवार का चयन जाति/धर्म के आधार पर कतई नहीं, बल्कि गुण/दोष के आधार पर होना चाहिए। हमें चुनाव के वक्त उम्मीदवार से स्वार्थसिद्धि नहीं करनी चाहिए। हमें वोट के बदले कभी भी किसी से नकदी या कोई भेंट स्वीकार नहीं करनी चाहिए। आजकल मतदाताओं की पांच साल सेवा करने के बजाय उनके वोट खरीदने का चलन हैं। पांच साल कोई नेता क्षेत्र में दिखाई नहीं देता हैं। चुनाव आते ही नेताओं की बाढ़ आ जाती है। हर तरफ जनसेवक ही जनसेवक दिखाई पड़ते हैं।

हमेशा की तरह मैंने कोरोना का अपडेट देते हुए बताया कि विश्व में अबतक 26 करोड़ 51 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। इनमें साढ़े 52 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह भारत में अबतक तीन करोड़ सवा 46 लाख से अधिक लोग कोरोना की जद में आ चुके हैं। इनमें चार लाख 70 हजार से अधिक लोगों को बचाया नहीं जा सका। भारत में युद्ध स्तर कोरोना का मुफ्त टीका लगाया जा रहा है। अबतक 126 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है। इसमें 46 करोड़ से अधिक भारतीयों को टीके की दोनों खुराक लग चुकी है। बच्चों की कोरोना वैक्सीन अभी तक नहीं आ सकी है।

विश्व में कोरोना महामारी का प्रकोप फिर से बढ़ गया है। इस बार कोरोना का ओमिक्रोन नामक नया वैरियंट कोहराम मचा रहा है। भारत में भी ओमिक्रोन वैरियंट के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। संसार के कई देशों में एक बार फिर लॉकडाउन हो रहा है। अनेक देशों ने कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले हवाई जहाजों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में मॉस्क और दो गज की दूरी का पालन जरूरी है। हर व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक समय रहते ले लेनी चाहिए। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही लेकर फिर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!

About Samar Saleel

Check Also

इस आसान विधि से घर पर ही तैयार करें गुड़ की चिक्की

सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे में लोगों ने अपने खानपान से लेकर ...