लखनऊ। नगर निगम जोन-6 (Municipal Corporation Zone-6) के अंतर्गत आने वाले हुसैनाबाद ट्रस्ट रोड (Hussainabad Trust Road) पर गुरुवार को भारी बारिश के बाद इलाके के दो मकानों से जलभराव (Waterlogging) की शिकायत नगर निगम को प्राप्त हुई, जिस पर जोनल अधिकारी मनोज यादव (Zonal Officer Manoj Yadav) ने तत्परता दिखाते हुए मौके पर निरीक्षण किया और त्वरित कार्रवाई (Immediate Action) करते हुए नाली की सफाई का निर्देश दिया।
खास बात यह रही कि इस सफाई अभियान के दौरान अधिकारी को क्षेत्र में बने करीब 20 से अधिक चबूतरों को तोड़वाना पड़ा, जो नालियों को पूरी तरह से ढक कर रखे थे और जल निकासी में मुख्य बाधा बन रहे थे। नगर निगम की टीम ने मैनुअल श्रमिकों की सहायता से इन अवैध चबूतरों को हटाया और नालियों की सफाई सुनिश्चित कराई।
गौरतलब है कि इससे पूर्व भी इसी क्षेत्र से जलभराव की शिकायतें प्राप्त हुई थीं। नगर निगम की टीम ने पहले भी प्रयास किया था कि यहां सफाई की जाए, मगर स्थानीय व्यापारियों और दुकानदारों द्वारा विरोध के चलते टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा था। विरोध इतना तीव्र था कि सफाईकर्मी और अधिकारी मौके से बिना काम किए वापस आ गए थे। स्थानीय लोगों का तर्क था कि चबूतरे उनके व्यवसाय का हिस्सा हैं और उन्हें हटाने से नुकसान होगा।
हालांकि गुरुवार को एक बार फिर जब तेज बारिश के चलते जलभराव की समस्या सामने आई और लोगों को आवागमन में दिक्कतें होने लगीं, तब प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया। जोनल अधिकारी मनोज यादव स्वयं नगर निगम की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और बिना किसी विरोध को महत्व दिए 20 से अधिक मकानों व दुकानों के आगे बने चबूतरों को तुड़वाया। इसके बाद वहां की नालियों की गहराई से सफाई कराई गई, जिससे जल निकासी शुरू हो सकी।
श्री यादव ने कहा कि जनहित सर्वोपरि है, और यदि किसी निर्माण से आम जनता को परेशानी होती है तो वह सहन नहीं किया जाएगा। हमने पहले समझाने की कोशिश की थी, लेकिन अब सख्त कदम उठाना जरूरी हो गया था।
इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी गई। जहां कुछ नागरिकों ने नगर निगम की तत्परता की सराहना की, वहीं कुछ व्यापारियों ने इसे नुकसानदेह बताया। हालांकि अधिकांश लोग यह मानते हैं कि मानसून के दृष्टिगत जलभराव की समस्या को हल करने के लिए यह कदम आवश्यक था।