भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने के साथ ही चेतेश्वर पुजारा Cheteshwar pujara छह महीने के ‘अज्ञातवास’ (Anonymity) में चले गए हैं। सूत्रों की मने तो वो अब जुलाई-अगस्त के बाद ही इंटरनेशनल क्रिकेट में दोबारा मैदान पर दिखेंगे। आईपीएल के दौरान भी पुजारा नहीं दिखेंगे,क्योंकि पुजारा क्रिकेट के इस फॉर्मेट में फिट नहीं है।
टेस्ट “क्रिकेट का सबसे सच्चा फॉर्मेट : रवि शास्त्री
अगर टीम के कप्तान और कोच दोनों के बयानों पर नजर डालें तो “ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज” को दोनों विश्व कप की जीत से भी बड़ी जीय मानते हैं। कोच रवि शास्त्री का कहना हैं कि टेस्ट “क्रिकेट का सबसे सच्चा फॉर्मेट है।” इसी लिए यह जीत विश्व कप से भी बड़ी है। अब इसी क्रिकेट का दूसरा चेहरा यह भी है कि इस “सच्चे फॉर्मेट” का सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी क्रिकेट के बड़े मुकाबलों से इसलिए रखा जाएगा क्योंकि वह सच्चा टेस्ट क्रिकेटर है!!
पुजारा का “ग्रेड ए” में सालाना अनुबंध 5 करोड़ रुपए
एक सच्चा क्रिकेटर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची में भी टॉप ग्रेड में नहीं है। उसे वहां भी दूसरे ग्रेड में जगह मिली है। जहां टॉप ग्रेड (A+) के क्रिकेटरों का सालाना करार 7 करोड़ रुपए का है तो वही पुजारा वाले “ग्रेड ए” के खिलाड़ियों का सालाना अनुबंध 5 करोड़ रुपए का है।
दोनों बल्लेबाजों के रेकॉर्ड
30 साल के चेतेश्वर पुजारा का खेल बारीकी से देखने पर हमें एक ही क्रिकेटर याद आती है और वो हैं “इंडियन वाल” कहे जाने वाले राहुल द्रविड़। कई बार तो ऐसा लगता है कि चेतेश्वर पुजारा अपने इस सीनियर खिलाड़ियों (राहुल द्रविड़) के पदचिन्हों को छोड़कर कहीं और कदम रखना ही नहीं चाहते हैं।इसका बेहतरीन नमूना यह है कि इन दोनों ही बल्लेबाजों ने एक बराबर पारियों 67 मैच में 3000, 84 मैच में 4000 और 108 पारियों में 5000 रन पूरे किए हैं।
विडम्बना!
इन सबके बावजूद क्रिकेट बोर्ड (BCCI) और टीम प्रबंधन के बीच टेस्ट क्रिकेटरों को लेकर उनके रुख में विश्वसनीयता नहीं दिख रही है। तभी तो चेतेश्वर पुजारा जैसे खिलाड़ियों को मजबूरी में ही सही लेकिन कुछ दिनों के लिए “अज्ञातवास” पर जाना ही पड़ता है!!