• मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश की एमएसएमई उद्यमियों को क्वालिटी एवं पैकेजिंग विश्व स्तरीय बनाने की सलाह
लखनऊ। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) विगत 38 वर्षों से सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के विकास एवं उनकी समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। इस प्रयास में आईआईए द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें से एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम वार्षिक एमएसएमई उद्यमी महासम्मेलन का आयोजन करना है। आगामी एमएसएमई उद्यमी महासम्मेलन का आयोजन आगामी माह में लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार के एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के सहयोग से प्रस्तावित है।
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महासम्मेलन की तैयारीयों के क्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष आईआईए नीरज सिंघल के नेतृत्व में आईआईए का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने तथा प्रदेश में उद्योगों के विकास के संबंध में अनेक मुद्दों पर वार्ता हेतु मिला। प्रतिनिधि मंडल में पूर्व अध्यक्ष आईआईए अशोक अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिनेश गोयल, महासचिव आलोक अग्रवाल, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अवधेश अग्रवाल तथा केंद्रीय कार्यकारिणी समिति सदस्य सतीश शर्मा शामिल थे।
मुख्यमंत्री द्वारा आईआईए के इस प्रयास की सराहना करते हुए महासम्मेलन के उद्घाटन के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आईआईए के निमंत्रण को स्वीकार किया गया। इस भेंट वार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यदि एमएसएमई को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खरे उतरना है तो उन्हें अपने उत्पादों की क्वालिटी और पैकेजिंग में विशेष ध्यान देना होगा। इस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष आईआईए ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि इस आवश्यकता को ही ध्यान में रखते हुए आईआईए ने इस वर्ष के उद्यमी महासम्मेलन का विषय “ट्रांसफॉर्मिंग एमएसएमई टुवर्ड्स इंडस्ट्री 4.0 एंड 48” रखा है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष आईआईए ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रथम उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS) के सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी और कहा कि आईआईए ने भी इस आयोजन में सक्रिय सहयोग प्रदान किया है। इसके अतिरिक्त आईआईए प्रतिनिधि मंडल द्वारा मुख्यमंत्री को प्रदेश के उद्योगों की कुछ प्रमुख समस्याओं के बारे में भी अवगत कराया गया।
जिसमें CIS के अंतर्गत श्रम एवं अन्य विभागों द्वारा उद्योगों के निरीक्षणो से भय की स्थिति, दिल्ली एनसीआर में CAQM के निर्देशों के कारण उद्योगों में बंदी का भय, प्रदेश की कुछ नई इकाइयों को समय से एनओसी प्राप्त न हो पाना और जीएसटी विभाग द्वारा उद्योगों को अव्यवहारिक नोटिस जारी किया जाना आदि शामिल है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों को इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस प्रदान करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। अतः आईआईए प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त समस्याओं पर मुख्यमंत्री ने उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।