सरकारी प्राइमरी स्कूलों में रेडियो संवाद आईआरआई कार्यक्रम का प्रसारण शुरू हो गया है। रेडियो संवाद कार्यक्रम के प्रसारण के माध्यम से बच्चों को अंग्रेजी बोलना सिखाई जाएगी। वहीं शिक्षक भी अंग्रेजी भाषा का ज्ञान इसी कार्यक्रम से ले सकेंगे। इसके लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने गाइड लाइन जारी कर दी है। सरकारी स्कूलों के बच्चों में हिंदी के साथ ही अंग्रेजी बोलने व लिखने के साथ ही शब्दों को समझने में काफी कठिनाई होती है। अंग्रेजी भाषा के समाधान के लिए शिक्षा विभाग न प्राइमरी स्कूलों में परस्पर रेडियो संवाद कार्यक्रम शुरू किया है।
इसके तहत जिले के 2390 प्राइमरी स्कूलों में सोमवार से शुक्रवार तक दोपहर के समय अलग-अलग कक्षाओं में रेडियो संवाद कार्यक्रम का लाइव प्रसारण सुनाया जाएगा। जिससे की बच्चों को अंग्रेजी भाषा सीखने में आसानी हो सकेगी। वहीं शिक्षक भी इससे अपना ज्ञान बढ़ा सकेंगे।
पांच दिन अलग-अलग कक्षाओं के लिए होगा कार्यक्रम-
कक्षा एक और दो के लिए इंग्लिश इज फन लेवल-1 प्रोग्राम दोपहर 12.45 बजे से दोपहर 1.15 बजे तक आयोजित किया जाएगा। यह प्रसारण सोमवार से शुक्रवार पांच दिनों तक जनवरी-फरवरी माह तक चलेगा। इसी तरह कक्षा 3 से 5वीं तक के बच्चों के लिए हर सोमवार से बुधवार तक इंग्लिश इज फन लेवल-2 कार्यक्रम प्रसारण दोपहर 12.5 बजे से दोपहर 12.35 बजे तक होगा। इसके अलावा कक्षा 3 से 5वीं तक के लिए ही झिलमिल प्रोग्राम गुरुवार से शुक्रवारर तक दोपहर 12.5 बजे से दोपहर 12.35 बजे तक प्रसारण होगा। इसमें शिक्षकों को भी अंग्रेजी भाषा के ज्ञान के लिए जानकारी दी जाएगी।
जहां नेटवर्क की समस्या, उन्हें एपीसोड की मिलेगी सीडी –
जिले में कई स्कूल ऐसे हैं जहां नेटवर्क की समस्या है। इन स्कूलों में जिला शिक्षा केंद्र ने अलग से सुविधा की है। हालांकि इन स्कूलों में हर दिन के प्रोग्राम सुनाने की समस्या बनी रहेगी। वहीं सीडी में प्रोग्राम लोड करने के बाद इन स्कलों को उपलब्ध कराए जाएंगे। ताकि इन स्कूलों के बच्चों व शिक्षकों को भी अंग्रेजी भाषा का ज्ञान बढ़ सके। इस संबंध में डीईओ एचबीएस तोमर का कहना है कि परस्पर रेडियो संवाद कार्यक्रम के प्रसारण के लिए सभी स्कूलों को रेडियो रखने के लिए कहा गया है।
इसके के लिए स्कूल प्रबंधन शाला में दी जाने वाली अनुदान राशि व समुदाय से भी ये राशि ली जा सकती है। इसके अलावा शिक्षकों को संकुल स्तर पर उक्त कार्यक्रम के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। ताकि इस कार्यक्रम का प्रचार प्रसार बढ़ सके।