उत्तर प्रदेश के मान्यता प्राप्त अनुदानित मदरसों के कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को पांच साल बाद इस बार नि:शुल्क ड्रेस मिलने की उम्मीद जगी है। प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने राज्य के मदरसा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा.इफ्तिखार अहमद जावेद को इस बारे में पेश आ रही सभी कठिनाईयों को दूर करवाने का आश्वासन दिया है।
पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल पर पुलिस ने कसा शिकंजा, 32 लाख रुपये हड़पने के मामले में…
अगर यह कठिनाईयां दूर हो गयीं तो राज्य के 560 मान्यता प्राप्त अनुदानित मदरसों के कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को भी बेसिक शिक्षा के सरकारी स्कूलों में इन कक्षाओं में पढ़ रहे बच्चों की ही तरह नि:शुल्क ड्रेस मिलेगी।
इस बारे में यूपी मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह ने बीते शुक्रवार को ही अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक को एक पत्र भेजा है जिसमें बीती दो जनवरी को अपर मुख्य सचिव अल्पसंख्यक कल्याण द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये विभागीय कामकाज की समीक्षा बैठक में दिये गये निर्देशों का हवाला दिया गया है। इन निर्देशों के मुताबिक शैक्षिक सत्र 2023-24 के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की पाठ्यपुस्तकें मदरसों के बच्चों को नि:शुल्क उपलब्ध करवाए जाने का अनुरोध किया गया है।
इसी क्रम में यूपी मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डा.इफ्तिखार जावेद ने मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत आधुनिक विषय के शिक्षकों को पिछले 55 महीनों से वेतन का भुगतान न हो पाने के बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इस पत्र में इन अध्यापकों के बकाया वेतन का भुगतान करवाए जाने का आग्रह किया गया है।
इसके लिए इन बच्चों के अभिभावकों के खातों में ड्रेस की धनराशि भेजी जाएगी। इसके साथ ही इन अनुदानित मदरसों के कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को बेसिक शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम की किताबें नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाएंगी।
बोर्ड के चेयरमैन डा.इफ्तिखार जावेद ने बताया कि हालांकि मदरसों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू कर दिया गया है मगर अभी एनसीईआरटी कि किताबें उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं इसलिए फिलहाल बेसिक शिक्षा परिषद की किताबों से ही मदरसों में पठन-पाठन करवाया जाएगा।