यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच रूस के सबसे बड़े सैन्य विस्तार में चीन उसकी मदद कर रहा है। इससे यूक्रेन में चिंताएं बढ़ने लगी है। एक अधिकारी ने दावा किया कि चीन और रूस मिलकर रूस के भीतर ड्रोन के उत्पादन में संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। चीन का समर्थन रूस की तरफ से यूक्रेन पर हमला जारी रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मौजूदा स्थिति में यूक्रेन की सेना हथियारों की कमी से जूझ रही है। इसी बीच अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से कीव को नए अमेरिकी सैन्य सहायता पैकेज पर वोटिंग को रोकने के बाद यूक्रेन की चिंता और भी बढ़ गई थी।
चीन को रूस की सहायता करने से रोकना होगा: अमेरिकी अधिकारी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिका को यूक्रेन का समर्थन करने के लिए पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) को रूस को अपने सैन्य औद्योगिक के पुनर्गठन में मदद करने से रोकना होगा। उन्होंने आगे कहा कि रूस पीआरसी के मदद के बिना अपने युद्ध प्रयासों को जारी रखने में संघर्ष करेगा। अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि चीन ने रूस को मशीन टूल्स में 900 मिलियन डॉलर का 70 फीसदी से अधिक प्रदान किया। उन्होंने आगे बताया कि रूस के 90 फीसदी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स आयात का इस्तेमाल मिसाइल, टैंक और एयरक्राफ्ट बनाने में किया जाता है। अमेरिका इसे लेकर चीन को परिणाम भुगतने की चेतावनी दे चुका है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका और यूरोप की तुलना में रूस तोप के लिए तीन गुना से अधिक गोला-बारूद तैयार कर रहा है। रूस में इतने बड़े पैमाने में तोप के लिए गोला-बारूद बनाने में चीन की प्रमुख भूमिका है। इसके अलावा रूस को यूक्रेन पर इस्तेमाल करने के लिए सैटेलाइट और अन्य आंतरिक्ष उपकरणों के उपयोग की क्षमता को बढ़ाने में भी चीन मदद कर रहा है। इसकी सूचना अमेरिका के खुफिया जानकारों ने दी है।
अमेरिका की चीन को चेतावनी
इस महीने की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फोन पर संपर्क किया। इस दौरान अमेरिका ने रूस पर बढ़ता चीन के समर्थन पर चिंता व्यक्त की थी। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी अपनी यूरोप यात्रा के दौरान चीन के समर्थन पर चिंता व्यक्त की थी। अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध के शुरू होने के बाद से ही चीन को रूस को घातक हथियार प्रदान करने से बचने की चेतावनी देता रहा है। इस महीने की शुरुआत में अमेरिका के ट्रेजरी सचिव जैनेट येलेन ने अपनी यात्रा के दौरान चीन को यूक्रेन युद्ध के लिए रूस की मदद पर बुरा परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी।