भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा ने शनिवार को देश की सभी राजनीतिक पार्टियों को कड़ा संदेश दिया है।सीजेआई ने कहा, “यह आम जनता के बीच बड़ी अज्ञानता है जो ऐसी ताकतों की सहायता कर ही, जिनका एकमात्र उद्देश्य न्यायपालिका को खत्म करना है। मैं इसे स्पष्ट कर दूं, हम केवल और केवल संविधान के प्रति जवाबदेह हैं। ”
सीजेआइ ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि सत्ता में बैठे राजनीतिक दलों का मानना है कि हर सरकारी कार्रवाई न्यायिक समर्थन की हकदार है। वहीं विपक्षी पार्टियां न्यायपालिका से अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने की उम्मीद करती हैं।
उन्होंने कहा कि “संविधान में परिकल्पित नियंत्रण और संतुलन को लागू करने के लिए हमें भारत में संवैधानिक संस्कृति को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। हमें व्यक्तियों और संस्थानों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है।मुख्य न्यायाधीश रमणा ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, ‘सिलिकॉन वैली में 50% बिजनेस-टू-बिजनेस स्टार्ट-अप की स्थापना की गई है।’
न्यायपालिका से अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने की उम्मीद करती हैं। उन्होंने कहा कि संविधान के बारे में लोगों के बीच उचित समझ के अभाव में यह गलत सोच पनपती है।सीजेआई ने कहा कि “दीर्घकालिक विकास के लिए बनी इस तरह की नींव को कभी भी बाधित नहीं किया जाना चाहिए। पूरी दुनिया में सरकार बदलने के साथ नीतियां बदलती हैं। ”