जो बाइडन प्रशासन ने 10 रूसी राजनयिकों के निष्कासन तथा रूस के करीब तीन दर्जन लोगों और कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की. अमेरिका ने पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनावों में हस्तक्षेप करने तथा संघीय एजेंसियों में सेंधमारी करने के लिए रूस को जवाबदेह ठहराने की दिशा में कार्रवाई की है.
कई सप्ताह से प्रशासन द्वारा इस तरह की कार्रवाई होने का पूर्वाभास था. अमेरिका द्वारा चुनाव में हस्तक्षेप और हैकिंग को लेकर जवाबी कार्रवाई करते हुए रूस के खिलाफ पहली बार प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है. माना जाता है कि रूसी सेंधमारों ने व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर में सेंधमारी की थी ताकि वे कम से कम नौ एजेंसियों के नेटवर्कों को हैक कर सकें और अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि उन्होंने अमेरिकी सरकार की गुप्त जानकारी जुटाने की कोशिश की.
अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए एक अभियान की मंजूरी दी थी ताकि ट्रंप पुन: राष्ट्रपति बन सकें, लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि रूस या किसी अन्य ने मतों में या परिणामों में हेरफेर की.
अमेरिका द्वारा घोषित प्रतिबंधों में छह रूसी कंपनियों पर पाबंदियां शामिल हैं, जो देश की साइबर गतिविधियों में मदद करती हैं. इसके अलावा पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप की कोशिश करने तथा दुष्प्रचार करने के आरोपों में 32 लोगों और निकायों पर प्रतिबंध लगाये गये थे.
व्हाइट हाउस ने कहा कि जिन 10 राजनयिकों को निकाला गया है उनमें रूसी खुफिया सेवाओं के प्रतिनिधि शामिल हैं. उसने यह भी कहा कि बाइडन इन खबरों पर प्रतिक्रिया देने के लिए राजनयिक, सैन्य और खुफिया चैनल का इस्तेमाल कर रहे हैं कि रूस ने तालिबान को अफगानिस्तान में अमेरिका के और सहयोगी देशों के सैनिकों पर हमले के लिए उकसाया था.