लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर (OM Prakash Rajbhar) को पद से बर्खास्त करने की सिफारिश को राज्यपाल राम नाईक ने स्वीकार कर लिया है। इसके अलावा सीएम आदित्यनाथ सरकार ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के करीब 6 अन्य सदस्य को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक सीएम ने राज्यपाल राम नाईक से ओमप्रकाश राजभर को पद से बर्खास्त करने की सिफारिश की थी, जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया है।
ओमप्रकाश राजभर ने भी अपनी प्रतिक्रिया
इस मामले में ओमप्रकाश राजभर ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम सीएम के फैसले का स्वागत करते हैं। सीएम ने बहुत अच्छा फैसला लिया है। उन्होंने सामाजिक न्याय समिति का गठन किया और अपनी रिपोर्ट को एक कूड़ेदान में फेंक दिया। उनके पास रिपोर्ट को लागू करने के लिए अतिरिक्त समय नहीं था। मैंने उनसे सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को जल्द से जल्द लागू करने का अनुरोध किया था।
बीजेपी नेताओं की खिलाफत और उनके लिए अभद्र भाषा
मालूम हो कि ओमप्रकाश राजभर योगी मंत्रिमण्डल बतौर मंत्री पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं विकलांग जन विकास विभाग की कमान संभाल रहे थे। यह कार्यवाई सीधे तौर पर लोकसभा चुनाव 2019 में राजभर द्वारा बीजेपी नेताओं की खिलाफत करने और उनके लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का परिणाम माना जा रहा है। इतना ही नहीं ओम प्रकाश राजभर ने यूपी में अपने 39 प्रत्याशी उतारे थे।